रौशनी से सजा शहर का कोना-कोना
जिले में मंगलवार को भारी हर्षोल्लास के साथ दीपावली का त्योहार मनाया गया.
बिहारशरीफ. जिले में मंगलवार को भारी हर्षोल्लास के साथ दीपावली का त्योहार मनाया गया. इस अवसर पर घरों से लेकर दुकानों और प्रतिष्ठानों में धन और ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी, बुद्धि के देवता भगवान गणेश तथा धन संपदा के देवता भगवान कुबेर की विधिवत पूजा अर्चना कर प्रसाद आदि वितरण किया गया. देर रात तक घरों तथा दुकानों में ब्राह्मणों के द्वारा लक्ष्मी पूजन कराया जाता रहा. संस्कृत के पवित्र स्थलों तथा मां लक्ष्मी की आरती से पूरा वातावरण गुंजायमान होता रहा. घरों में बालिकाओं तथा युवतियों के द्वारा घरौंदा भरने का भी रस्म किया गया. इस अवसर पर सात प्रकार के भूंजा तथा मिठाई का उपयोग किया गया. शहर के कोने कोने में लोगों के द्वारा लक्ष्मी पूजन का त्योहार पारंपरिक विधि से मनाया गया. दीपावली को लेकर चारों ओर उसे सभी वातावरण बना रहा. लोगों की खरीदारी से बाजारों में रौनक बनी रही. देर रात तक लोग अपने ईष्ट मित्रों तथा परिजनों के घरों तथा प्रतिष्ठानों में जाकर दीपावली का प्रसाद ग्रहण करते देखे गए. लक्ष्मी पूजन पर लोगों के द्वारा मिट्टी के दीये, मोमबत्तियां तथा बिजली के बल्ब और लरियां जलाकर प्रकाशित किया गया. बच्चों तथा युवाओं के द्वारा जमकर आतिशबाजियां भी की गयी. दिन ढलते ही पटाखों की धमक से पूरा वातावरण गुंजायमान होने लगा. लगभग मध्य रात्रि के बाद तक लोगों ने जमकर पटाखे जलाएं. कई घरों में युवाओं के द्वारा आतिशबाजियों के साथ-साथ गैस के गुब्बारे भी उड़ाये गये. आसमान में एक साथ दर्जनों गैस के गुब्बारे टिमटिमाते नजर आये. कभी पटाखे की धमक से तो कभी फूलझड़ियों की चमक के बीच लोगों ने दीपावली का उत्सव मनाया. अधिकांश घरों में बच्चों तथा युवाओं के द्वारा घरों के दरवाजे पर एक से बढ़कर एक रंगोली भी बनायी गयी. कहीं लक्ष्मी माता की चरण पादुका की स्टीकर चिपका कर मां लक्ष्मी के आगमन का प्रतिरूप तैयार किया गया. चारों ओर उत्सवी माहौल रहा. मिट्टी के दीये व पटाखों की खूब हुई बिक्री इस वर्ष की दीपावली में मिट्टी के दीये की भी खूब बिक्री हुई. इससे मिट्टी के काम करने वाले कारीगरों को अच्छी आमदनी हुई. धीरे-धीरे लोग स्थानीय कलाकारों की मेहनत और सामाजिक जिम्मेदारियों को महसूस करने लगे हैं. हालांकि इस बार भी लोगों ने घरों तथा प्रतिष्ठानों को रौशन करने के लिए चाइनीज लड़ियों का भी इस्तेमाल किया. इसी प्रकार बाजारों में कई पारंपरिक पटाखों के साथ-साथ कई नये पटाखे ने भी अपनी पकड़ बनायी. इस वर्ष जिलावासियों ने लाखों रुपए की पटाखे जलाये. बच्चों ने जहां छोटे पटाखे, फुलझड़ियां, लरियां आदि जलाकर दिवाली मनायी, वहीं युवाओं ने रॉकेट तथा बड़े धमाकेदार पटाखे जलाकर दिवाली मनायी. मिठाइयों की हुई जबरदस्त बिक्री दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी पूजन में मिठाइयों का महत्वपूर्ण स्थान है. इस अवसर पर फलों से अधिक मिठाइयों की डिमांड रहती है. इसलिए इस वर्ष शहर के विभिन्न मिठाई दुकानों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गयी. लोगों ने अपनी अपनी हैसियत के अनुसार कम कीमत तथा अधिक कीमत वाली मिठाइयां खरीद कर दिवाली मनायी. लोगों ने इस अवसर पर अपने इष्ट मित्रों तथा सगे संबंधियों को भी उपहार के रूप में मिठाइयां और पटाखे भेंट किया. जिले के मिठाई कारोबारियों के द्वारा भी दीपावली को देखते हुए कई दिन पूर्व से ही लड्डू, शकरपाले, बालूसाही, बर्फी, लौंगलता, मीठी बुंदिया के साथ-साथ रसगुल्ले और काले जामुन तैयार कर रखे गये थे. शहर में इस वर्ष दीपावली के अवसर पर कई टन मिठाइयों की बिक्री भी हुई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
