जिले में 15 जून से 15 अक्टूबर तक बालू के खनन पर रोक

जिले में आज से आगामी चार महीनों तक (15 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक) सभी अधिकृत बालू घाटों पर खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

By SANTOSH KUMAR SINGH | June 15, 2025 9:55 PM

बिहारशरीफ . जिले में आज से आगामी चार महीनों तक (15 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक) सभी अधिकृत बालू घाटों पर खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. पर्यावरणीय दृष्टिकोण और मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए खनन विभाग ने यह वार्षिक रोक लागू की है, जो राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत की गई है. जिले में कुल 15 से 20 अधिकृत बालू घाट हैं, जिन पर फिलहाल खनन पर रोक लगाई गई है. फाल्गु नदी घाट: इसुआ, सिलाव, पावापुरी, गिरियक प्रमुख है. पंचाने नदी घाट परवलपुर, एकंगरसराय, नूरसराय अन्य घाटों में भी नदी बेसिन क्षेत्रों में पीपीपी मोड के अंतर्गत खनन संचालन हो रहा था, जिसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. बालू के मौजूदा सरकारी दर 35 रुपये से 40 रुपये प्रति क्विंटल है, जो एक ट्रैक्टर में औसतन 100 से 120 क्विंटल बालू ढुलाई होती है. जिसमे हिसाब से एक ट्रैक्टर की सरकारी कीमत 3,500 रुपये से 4,200 रुपये होती है. घाट से दूरी के अनुसार निजी परिवहन दर अलग से जोड़ने पर दर बढ़ जाती थी. खनन पर सरकारी रोक लगने के साथ ही अवैध खनन और बालू की कालाबाजारी की संभावना बढ़ गई है. निर्माण कार्यों की निरंतर मांग के कारण कुछ क्षेत्रों में रात के अंधेरे में चोरी-छिपे खनन की आशंका बनी हुई है. पहले भी ऐसी अवधि में कई ट्रैक्टर और ट्रक जब्त किए जा चुके हैं. खनन विभाग और जिला प्रशासन ने यह दावा किया है कि सरकारी स्टॉक में पर्याप्त मात्रा में बालू मौजूद है, जिससे सामान्य जरूरतें पूरी की जा सकती हैं. अवैध खनन और आपूर्ति पर रोक लगाने के लिए निगरानी दल सक्रिय किए गए हैं. संभावित अवैध खनन वाले इलाकों में नियमतः छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए क्षेत्रवार दल का गठन किया गया है. खनन पर रोक का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रत्येक अनुमंडल क्षेत्र में पुलिस, खनन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं. चार महीने की यह रोक भले ही पर्यावरण और नदी संरक्षण के लिहाज से जरूरी है, लेकिन इससे बाजार में बालू की आपूर्ति अस्थिर हो सकती है. प्रशासन को जहां सख्ती दिखानी होगी, वहीं लोगों को भी सचेत और जिम्मेदार रहना होगा ताकि अवैध खनन और मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाया जा सके.

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