बोरसी जलाकर सोये मां और दो पुत्र दम घुटने से हुए बेहोश

शहर के कटरा चौक स्थित एक किराये के मकान में उस समय अफरातफरी मच गई, जब कमरे के अंदर एक महिला और उसके दो पुत्र अचेत अवस्था में पड़े थे.

By SANTOSH KUMAR SINGH | December 26, 2025 9:10 PM

शेखपुरा. शहर के कटरा चौक स्थित एक किराये के मकान में उस समय अफरातफरी मच गई, जब कमरे के अंदर एक महिला और उसके दो पुत्र अचेत अवस्था में पड़े थे. मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर तीनो मां बेटे को कमरे से बेहोसी की हालत में बाहर निकाला और आनन फानन में सदर अस्पताल शेखपुरा में भर्ती कराया. घटना में बेहोस विधवा और उनके दो पुत्र की पहचान कटराचौक चमरटोली मोहल्ले के स्व. इन्द्रदेव दास की 45 वर्षीय पत्नी पुतुल देवी एवं पुत्र 17 वर्षीय राकेश दास और 20 वर्षीय रौशन दस के रूप में की गयी है. महिला अपने दो पुत्रों के साथ गोलारोड निवासी हीरा साव के खांडपर स्थित मकान में किराए पर रहती थीं. रात में ठंड से बचाव के लिए कमरे के अंदर बोरसी जलाकर धुआं छोड़ दिया गया, लेकिन कमरे में गैस निकलने का समुचित रास्ता नहीं होने के कारण दमघोंटू गैस भर गई. इसके चलते पुतुल देवी और उनके दोनों पुत्र कमरे के अंदर ही अचेत होकर गिर पड़े. घटना का पता तब चला, जब बड़े पुत्र रोहित कुमार के छोटे भाई रोशन कुमार समय पर अपनी चावल होलसेल की दुकान पर काम पर नहीं पहुंचे. दुकान मालिक द्वारा फोन किए जाने पर रोहित कुमार मकान पहुंचे, जहां अंदर से दरवाजा बंद मिला. काफी आवाज देने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसके बाद मकान मालिक को बुलाकर दरवाजा खोलने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली.स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वार्ड पार्षद दीपक कुमार ने 112 पुलिस वाहन को सूचना दी. पुलिस के प्रयास के बावजूद दरवाजा नहीं खुल सका. इसके बाद स्थानीय लोगों ने नगर थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार को घटना से अवगत कराया. सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और दीवार तोड़कर दरवाजा खोला और कमरे में प्रवेश किया. अंदर का दृश्य देख सभी सन्न रह गए. मां और दोनों पुत्र जमीन पर अचेत पड़े थे. पुलिस ने बिना देर किए तीनों को ई रिक्शा से शेखपुरा सदर अस्पताल भिजवाया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने पुतुल देवी की हालत गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए पावापुरी रेफर कर दिया. मकान मालिक की तत्परता और पुलिस ने दिखायी तत्परता वार्ड पार्षद दीपक कुमार ने बताया कि प्रत्येक दिन सुबह 8:15 बजे तीनों लोग गोला रोड स्थित हीरा साव के गोला में काम करने पहुंच जाते थे. शुक्रवार की सुबह जब तीनों में से कोई नहीं पहुंचे, तब दुकानदार व मकान मालिक ने फोन पर संपर्क साधा. काफी देर तक फोन नहीं उठाने के कारण किसी अनहोनी का अंदेशा होने लगा. इसी अंदेशा में मकान मालिक के पुत्र खांडपर स्थित उक्त मकान में पहुंचे, जहां दरवाजा अंदर से बंद पाया. तभी उन्होंने पहले दरवाजे को खुद तोड़ने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों की सलाह पर पुलिस की मदद ली. टाउन थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही त्वरित कार्यवाही करते हुए गेट तोड़कर तीनों को बंद कमरे से बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा की स्थिति काफी भयावह थी. दरवाजा खुलने पर घुटन भरा धुआं कमरे से बाहर निकाल रहा था. इस दौरान पुलिस कर्मियों के सहयोग से तीनों को शेखपुरा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों के प्रारंभिक उपचार के बाद स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उन्हें पावापुरी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. देर शाम तीनों को आया होश शेखपुरा नगर परिषद के गोला रोड स्थित वार्ड पार्षद दीपक कुमार ने बताया कि पावापुरी मेडिकल कॉलेज में फिलहाल तीनों को होश आ गया है. हालांकि चिकित्सकों ने यहां लम्बे अवधि तक उपचार जारी रखने की संभावना जताई है. लेकिन फिलहाल तीनों के स्वास्थ्य में सुधार होने का भी जानकारी दिया गया है. हादसों से सबक लेने की अपील टाउन थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने शुक्रवार को हुए बोरसी कांड से लोगों को सबक लेने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बोरसी गर्माहट के साथ-साथ धीमा धुआ भी उगलता है. कमरा काफी हद तक पैक रहने की स्थिति में धीरे-धीरे धुएं से भर जाता है और सोए हुआ इंसान के साथ जोखिम होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में कमरे में बोरसी लेकर नहीं सोने अथवा समुचित वेंटिलेशन की व्यवस्था रखने की सलाह दी है.

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