बिहार के इस अचंल कार्यालय में खूद को जिंदा साबित करने के लिए घूम रहा भूत, जानें अजीबो-गरीब मामला

बिहार आए दिन अजीबो- गरीब मामले सामने आते रहते हैं. मगर, क्या आपने अभिनेता पंकज त्रिपाठी की वो फिल्म देखी है, जिसमें एक व्यक्ति खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटकता रहता है. राज्य के बगहा से ऐसी ही एक खबर सामने आ रही है.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2023 2:37 PM

बिहार आए दिन अजीबो- गरीब मामले सामने आते रहते हैं. मगर, क्या आपने अभिनेता पंकज त्रिपाठी की वो फिल्म देखी है, जिसमें एक व्यक्ति खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटकता रहता है. राज्य के बगहा से ऐसी ही एक खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि हल्का कर्मचारी छठू उरांव पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति को मृत घोषित करके, उसके जमीन पर किसी और के नाम पर दाखिल खारिज कर दिया है. ऐसे में किसान अंचल कार्यालय में अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र लेकर भटक रहा है. मगर उसकी सूनने वाला कोई नहीं है.

तीन महीने पहले रद्द हुई थी दाखिल खारिज

पीड़ित व्यक्ति का नाम अरविंद प्रसाद है. वो बगहा अंचल के बीबी बनकटवा मौजा के मानपुर मठिया गांव का रहने वाला है. किसान ने बताया कि किसी ने उसके जिंदा रहते उसे मृत बताकर जमीन की दाखिल-खारिज करवा ली. अब करीब तीन महीने से वो अपने जिंदा होने का सबूत लेकर अंचल कार्यालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक घूम रहे हैं. हल्का कर्मचारी ने मुझे गलत तरीके से मृत दिखा कर मेरी जमीन को लगत ढंग से दूसरे के नाम कर दिया गया और मुझे मृत घोषित कर दिया. मगर उसपर कोई कार्रवाई ही नहीं हो रही है.

Also Read: बिहार: गर्मी ने तोड़ा 7 साल का रिकार्ड, सीएम नीतीश कुमार ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग, जानें क्या दिया निर्देश
सीओ ने शुरू की मामले की जांच

घटना की जानकारी मिलने के बाद अंचलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. जो भी मामले में दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अरविंद प्रसाद ने मामले में बताया कि भाई प्रमोद शाह द्वारा जमीन को अंचल कर्मी की मिलीभगत से अपनी और अपने पत्नी के नाम से करा ली है. गर्मी में भी लगभग रोज मुझे अंचल कार्यालय आना पड़ता है. इसमें बड़ी परेशानी है. खुद को जिंदा साबित करने के लिए मुझे तीन महीने का वक्त लग गया है.

Next Article

Exit mobile version