Bihar: मछली और दूध की कमाई बढ़ाने की बड़ी पहल, गेट्स फाउंडेशन के साथ सरकार ने शुरू की नई योजनाएं
Bihar News: बिहार सरकार ने गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर मत्स्य और डेयरी सेक्टर को मजबूत करने के लिए BAIP और डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. इन योजनाओं से किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ेगी, महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और गांवों में रोजगार व पोषण सुरक्षा के बेहतर अवसर बनेंगे.
Bihar News: बिहार सरकार ने गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए एक अहम कदम उठाया है. गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर राज्य में मत्स्य और डेयरी सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की गई है. इनमें बिहार एक्वाकल्चर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (BAIP) और बिहार डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट शामिल हैं. इन योजनाओं का मकसद नई तकनीक के जरिए किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाना और गांवों में रोजगार के बेहतर मौके पैदा करना है.
सुरेन्द्र मेहता ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता
इन योजनाओं की शुरुआत एक खास कार्यक्रम में हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने की. इस मौके पर बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और विकास आयुक्त मिहिर कुमार सिंह भी मौजूद रहे. विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने कार्यक्रम का संचालन किया.
BAIP से मछलीपालन पर दिया जाएगा जोर
बिहार एक्वाकल्चर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम यानी BAIP के तहत मछली पालन को ज्यादा फायदेमंद बनाने पर जोर दिया जाएगा. इस योजना में बेहतर नस्ल की मछलियां, आधुनिक तरीके और सही प्रबंधन अपनाया जाएगा. गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से पैलेडियम कंसल्टिंग, PRADAN और अन्य संस्थाएं इस योजना को लागू करेंगी. इसका लक्ष्य मछली उत्पादन को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना, तालाबों की पैदावार सुधारना और खर्च घटाकर मछुआरा परिवारों की कमाई दोगुनी करना है.
योजना में क्या है खास ?
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें महिलाओं की बड़ी भागीदारी होगी. कम से कम 60 प्रतिशत महिलाएं इससे जुड़ेंगी. तालाबों का सुधार किया जाएगा, हैचरियों को आधुनिक बनाया जाएगा और किसानों व स्वयं सहायता समूहों को मजबूत किया जाएगा. साथ ही मोबाइल और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों को तुरंत सलाह और बाजार से जुड़ने की सुविधा मिलेगी.
डेयरी पर होगा काम
दूसरी ओर बिहार डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट के तहत दूध उत्पादन और उसकी गुणवत्ता सुधारने पर काम किया जाएगा. इस योजना में पशुओं के लिए बेहतर चारा, नस्ल सुधार, साफ दूध उत्पादन और दूध से बने अन्य उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा. भारतीय उद्योग परिसंघ अपने फूड एंड एग्रीकल्चर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से इसमें तकनीकी मदद देगा.
आधुनिक तकनीक का होगा इस्तेमाल
इस परियोजना के तहत सौर ऊर्जा से चलने वाली हाइड्रोपोनिक चारा प्रणाली, साइलेंज तकनीक, डिजिटल कृत्रिम गर्भाधान उपकरण और पशुओं के स्वास्थ्य पर खास ध्यान दिया जाएगा. महिला डेयरी किसानों को आगे लाने और उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी देने के लिए भी विशेष कदम उठाए जाएंगे.
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बढ़ेगी आमदनी
इन दोनों योजनाओं से बिहार के मत्स्य और डेयरी सेक्टर में नए रोजगार और स्थायी आमदनी के मौके बनेंगे. किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ेगी, लोगों को बेहतर पोषण मिलेगा और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. यह पहल बिहार को आधुनिक खेती और उससे जुड़े क्षेत्रों में आगे ले जाने की दिशा में एक बड़ा और अहम कदम मानी जा रही है.
