तीसरी लहर से निबटने में जुटी बिहार सरकार, मंगल पांडेय बोले- SNUC में 10 फीसदी बेड बच्चों के लिए आरक्षित

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को विशेष देखभाल के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है. राज्य के 35 जिलों और आठ मेडिकल कॉलेजों में संचालित विशेष नवजात देखभाल इकाई(एसएनसीयू) में 10 फीसदी बेड कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए आरक्षित कर दिये गये हैं.

By Prabhat Khabar | August 26, 2021 9:19 AM

पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को विशेष देखभाल के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है. राज्य के 35 जिलों और आठ मेडिकल कॉलेजों में संचालित विशेष नवजात देखभाल इकाई(एसएनसीयू) में 10 फीसदी बेड कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए आरक्षित कर दिये गये हैं. साथ ही सभी बेड पर ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गयी है.

उन्होंने बताया कि राज्य के 11 जिलों सहित सभी मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में निर्मित पीकू वार्ड (नवजात गहन देखभाल इकाई) में भी नवजातों को इमरजेंसी में इलाज किया जायेगा. पीकू वार्ड बच्चों को होनेवाले संक्रमण की बीमारियों के इलाज की सुविधा है.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सामुदायिक स्तर पर कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए आशा, आशा फैसिलेटर, एएनएम, आरबीएसके टीम, बीएचएम व बीसीएम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (एनएचएसआरसी), नयी दिल्ली द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है.

प्रशिक्षण 27 अगस्त तक पूरा हो जायेगा. राज्य के 11 जिलों में पीकू वार्ड (बाल सघन चिकित्सा इकाई) का संचालन हो रहा है. इनमें औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर, सारण, सीवान और वैशाली शामिल हैं. साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों में भी पीकू वार्ड की सेवाएं मरीजों को मिल रही हैं.

जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड नहीं हैं, वहां नये वार्ड बनाने का काम किया जा रहा है. अस्पतालों में बेड के साथ आइसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी बढ़ायी जा रही है. कोरोना संक्रमित बच्चों को उच्च स्तरीय इलाज की सुविधा के लिए राज्य के मेडिकल कॉलेजों के शिशु रोग विशेषज्ञों को नयी दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया है. इसके अलावा जिलों में पदस्थापित दो शिशु रोग विशेषज्ञ, छह मेडिकल ऑफिसर, 12 स्टाफ नर्स को अस्पताल प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version