Bihar Elections 2025: सशस्त्र सुरक्षा, वेबकास्टिंग और सुरक्षा के तीन घेरों के बीच कल होगा मतदान

Bihar Elections 2025: छह नवंबर को बिहार की हवाओं में सिर्फ ठंडक नहीं होगी. लोकतंत्र की आहट भी होगी. सुरक्षा के तीन घेरे, सजी हुई पोलिंग बूथों की दीवारें और उत्साहित मतदाता... सब तैयार हैं उस दिन के लिए जब 48 लाख से अधिक लोग तय करेंगे पटना की सियासत की दिशा.

By Pratyush Prashant | November 5, 2025 9:40 AM

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मंगलवार को पटना जिले की 14 सीटों पर मतदान होगा. प्रशासन ने सुरक्षा, निगरानी और सुविधाओं की जो व्यापक तैयारी की है, वह अब तक की सबसे सख्त और आधुनिक मानी जा रही है. सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक चलने वाली इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में 48 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. जिले में कुल 5677 बूथों पर मतदान होगा और हर बूथ पर तीन परतों वाली सुरक्षा तैनाती के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की मौजूदगी रहेगी. हर बूथ की लाइव वेबकास्टिंग होगी, ताकि किसी भी गड़बड़ी या अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.

सुरक्षा के तीन घेरे,आसमान से भी निगरानी

जिला प्रशासन ने मतदान को पूरी तरह निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए तीन-लेयर सुरक्षा व्यवस्था की है. बूथ के अंदर और बाहर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात रहेंगे, जबकि संवेदनशील इलाकों—खासकर दियारा और टाल क्षेत्रों में—घुड़सवार दस्ते पेट्रोलिंग करेंगे. इसके अलावा, ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पहचाना जा सके.

डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मतदान के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा, “हमारे लिए यह सिर्फ चुनाव नहीं, एक विश्वास की परीक्षा है. मतदाताओं की सुरक्षा और सुविधा, दोनों सर्वोच्च प्राथमिकता हैं.”

पहली बार वेबकास्टिंग से दिखेगा हर वोटिंग बूथ

इस बार एक खास प्रयोग हो रहा है. सभी बूथों पर मतदान प्रक्रिया की लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है. यानी मुख्यालय से हर वोटिंग बूथ पर क्या हो रहा है, उसे रियल टाइम में देखा जा सकेगा. यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ उन मतदाताओं के लिए भी भरोसेमंद माहौल तैयार करेगा, जिन्हें अब तक चुनावी हिंसा या दबाव की आशंका सताती रही है.

अंतरराष्ट्रीय नजरें भी होंगी बिहार पर

इस चुनाव की पारदर्शिता और प्रक्रिया को देखने के लिए सात देशों के प्रतिनिधि भी बिहार पहुंचे हैं—फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, इंडोनेशिया, फिलिपिन्स, थाइलैंड और कोलंबिया से आए ये पर्यवेक्षक विभिन्न बूथों का भ्रमण करेंगे.
यह न केवल भारत के लोकतांत्रिक तंत्र की साख का प्रतीक है, बल्कि बिहार के चुनावी प्रबंधन के प्रति वैश्विक जिज्ञासा का भी संकेत है.

महिलाओं के हाथ में 541 बूथों की कमान

इस बार प्रशासन ने महिला सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता दी है. पटना जिले में 541 बूथों पर महिला मतदानकर्मी जिम्मेदारी संभालेंगी. पीठासीन पदाधिकारी से लेकर पुलिसकर्मी तक—सभी महिलाएं होंगी.
यह पहल न केवल चुनावी समानता का प्रतीक है, बल्कि महिला कर्मियों में आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत करेगी.

मतदाताओं के लिए सुविधाजनक माहौल

मतदाताओं की सुविधा के लिए हर बूथ पर विशेष इंतजाम किए गए हैं. पेयजल , शौचालय, व्हीलचेयर, सहायक कर्मी, प्रतीक्षालय और विश्राम कक्ष जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. वृद्ध, दिव्यांग और गर्भवती महिलाओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की गई है.
इस बार वोटर अपने मोबाइल फोन साथ लेकर बूथ तक जा सकेंगे, हालांकि वोटिंग से पहले मोबाइल सुरक्षित रखने के लिए अलग व्यवस्था रहेगी.

डीएम ने बताया कि मतदाता निजी वाहन से भी बूथ तक आ सकते हैं, लेकिन वाहन को बूथ से 100 मीटर पहले पार्क करना अनिवार्य होगा. दिलचस्प बात यह है कि बूथों को बिहार की लोक-संस्कृति की झलक देने के लिए सजाया भी जा रहा है. कहीं मधुबनी पेंटिंग तो कहीं लोककलाओं से सजे द्वार मतदाताओं का स्वागत करेंगे.

हर वोट की गिनती में झलकेगा बिहार की विविधता

इस बार का मतदान केवल राजनीतिक प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सामाजिक विविधता का भी प्रतीक है—जहां हर वर्ग, हर समुदाय अपनी भूमिका निभाने को तैयार है.

मतदान के लिए फोटो पहचान पत्र (EPIC) अनिवार्य रहेगा. हालांकि, जिनके पास यह नहीं है, वे 12 अन्य दस्तावेजों के माध्यम से भी वोट डाल सकते हैं—जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पेंशन दस्तावेज, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक पासबुक या स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड.

छह नवंबर का दिन केवल एक चुनावी तारीख नहीं, बल्कि बिहार के लोकतांत्रिक ढांचे की परीक्षा है. सुरक्षा बलों की चौकसी, महिला कर्मियों की जिम्मेदारी, तकनीकी वेबकास्टिंग और मतदाताओं की उत्सुकता—सब मिलकर इस बार के मतदान को एक ‘सुरक्षित, पारदर्शी और सहभागी चुनाव’ का मॉडल बना रहे हैं.

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