Bihar Election Result: इन तीन इलाकों के चुनावी नतीजे तय करेंगे NDA का भविष्य, पिछली बार महागठबंधन ने जमाया था कब्जा
Bihar Election Result: बिहार चुनाव के दूसरे चरण में एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने हैं. शाहाबाद, मगध और सीमांचल की सीटें इस बार सत्ता की चाबी तय करेंगी. इन इलाकों में एनडीए को पिछली हार की भरपाई की बड़ी चुनौती है. पढे़ं पूरी खबर…
Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण पूरी तरह सियासी जोश और रणनीति की टक्कर वाला रहा. एनडीए और महागठबंधन, दोनों ही “अंतिम वार, नहीं स्वीकार हार” के मूड में चुनावी मैदान में उतरे. 2nd फेज में सबसे ज्यादा नजर तीन इलाकों पर रही, शाहाबाद, मगध और सीमांचल. इन तीनों रेंज में मतदान प्रतिशत भी अधिक रहा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि यहीं से तय होगा सत्ता की चाबी किसके हाथ जाएगी. आइए समझते हैं क्यों ये तीन इलाके चुनावी समीकरण में इतने अहम हैं?
शाहाबाद में नई सीटों पर एनडीए की नजर
शाहाबाद रेंज में भोजपुर, रोहतास, कैमूर और बक्सर जैसे चार जिले आते हैं. पिछले चुनाव यानी 2020 में एनडीए को यहां करारा झटका लगा था. कुल 22 सीटों में से सिर्फ 2 सीटें उसके खाते में आईं, भोजपुर की बड़हरा और आरा सीट. बाकी 20 सीटों पर महागठबंधन ने कब्जा जमाया था. कैमूर, रोहतास और बक्सर जिलों में तो एनडीए का खाता तक नहीं खुला था. इस बार एनडीए की पूरी कोशिश है कि इन जिलों में कुछ नई सीटें जीती जाएं ताकि नुकसान की भरपाई हो सके.
मगध का समीकरण
मगध रीजन में गया, जहानाबाद, अरवल और औरंगाबाद जिले शामिल हैं. यहां की 26 सीटों में से 2020 में एनडीए को सिर्फ 5 सीटें मिली थीं. गया की चार सीटों पर उसने जीत दर्ज की थी, लेकिन बाकी ज्यादातर सीटों पर महागठबंधन का दबदबा रहा. इस बार एनडीए की नजर यहां की 21 सीटों पर है, जहां वह पिछली बार हार गयी थी.
सीमांचल की चुनौतियां
सीमांचल यानी पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज. यह इलाका हमेशा से चुनावी तौर पर खास माना जाता है. यहां के 20 विधानसभा क्षेत्रों में से 12 सीटें अभी एनडीए के पास हैं, जबकि किशनगंज में उसका खाता भी नहीं खुला. यही वजह है कि इस बार एनडीए सीमांचल में विकास और घुसपैठ जैसे मुद्दों पर पूरा जोर लगाती दिखी.
तीन इलाकों से एनडीए को उम्मीद
कुल मिलाकर, शाहाबाद, मगध और सीमांचल की लड़ाई इस बार एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकती है. जितनी ज्यादा सीटें ये तीन इलाके देंगे, सत्ता तक पहुंचने की एनडीए की राह उतनी ही मजबूत होगी.
