बिहार के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत से स्थिति खराब , केंद्र से प्रतिदिन 72 एमटी आपूर्ति की मांग

Bihar Corona Update: बिहार के अस्पतालों में अभी भी ऑक्सीजन की आपूर्ति अभी भी मांग के अनुसार नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रयास करने के बाद भी केंद्र की ओर से प्रतिदिन ऑक्सीजन आवंटन नहीं होने के कारण किल्लत बनी हुई है.

By Prabhat Khabar | April 20, 2021 6:05 PM

बिहार के अस्पतालों में अभी भी ऑक्सीजन की आपूर्ति अभी भी मांग के अनुसार नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रयास करने के बाद भी केंद्र की ओर से प्रतिदिन ऑक्सीजन आवंटन नहीं होने के कारण किल्लत बनी हुई है. मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राज्य में 14 ऑक्सीजन प्लांट को चालू किया गया है.

इसमें कुल 32 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि इन प्लांटों में 72 एमटी क्षमता के करीब क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं. जो लिक्विड ऑक्सीजन को मेडिकल यूज के लिए तैयार करते हैं. ऐसे में अगर सभी प्लांट पूरी क्षमता से चले तो राज्य में प्रतिदिन 104 एमटी के लगभग ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी. इससे राज्य के अस्पतालों के अधिकतम मांग को पूरा किया जा सकेगा.

Oxygen supply in Bihar: अभी तीन दिनों में केवल 60 एमटी आपूर्ति

बीते तीन दिनों में राज्य को अन्य बिहार से केवल 60 एमटी लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है. इस कारण पूरी क्षमता के साथ राज्य में उत्पादन नहीं हो पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को केंद्र के उच्च अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह मांग रखा गया है कि बिहार को 12 अति प्रभावित राज्यों में शामिल करते हुए लिक्विड ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित करे.

कोटा निर्धारित होने से झारखंड में लगी कंपनियों के प्लांट से राज्य को प्रतिदिन ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी और राज्य में ऑक्सीजन की समस्या दूर हो सकेगी. गौरतलब है कि वर्तमान में 14 ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत हैं. इसमें पटना में चार, भागलपुर में दो, गया में एक, दरभंगा में एक, पूर्णिया में एक, नालंदा में एक, पूर्वी चंपारण में एक और औरंगाबाद आदि जगहों पर एक ऑक्सीजन प्लांट चल रहे हैं.

Also Read: बिहार में कोरोना से त्राहिमाम: ‘ पांच ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ 5 बाउंसर, समझें हालत कितने संगीन हैं’

Posted By: Utpal Kant

Next Article

Exit mobile version