Bihar Chunav 2025: 5 ‘खामोश’ विधायक जो 5 साल में एक भी सवाल नहीं पूछ पाए, जानिए सदन में कौन रहा सबसे ज्यादा एक्टिव

Bihar Chunav 2025: 17वीं बिहार विधानसभा का कार्यकाल खत्म होते ही ADR और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट ने विधायकों के कामकाज का पूरा ‘रिपोर्ट कार्ड’ सामने रख दिया है. इसमें हाजिरी से लेकर सवाल पूछने तक का पूरा आंकड़ा दिया गया है. जिसको आप इस खबर में पढ़ सकते हैं.

By Abhinandan Pandey | November 18, 2025 11:08 AM

Bihar Chunav 2025: 17वीं बिहार विधानसभा (नवंबर 2020–जुलाई 2025) का कार्यकाल पूरा हो चुका है. 2025 के विधानसभा चुनाव में जनता ने भारी मतों से एनडीए को चुनकर अगली सरकार की राह साफ कर दी है. 18वीं विधानसभा के गठन से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच ने 243 विधायकों का एक विस्तृत ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी किया है. जो बताता है कि पिछले पांच साल में विधायकों ने सदन में कितना काम किया, कौन एक्टिव रहा और कौन ‘मौन’.

रिपोर्ट बिहार विधानसभा सचिवालय से प्राप्त RTI और आधिकारिक डेटा पर आधारित है. इसमें कार्यवाही के दिनों से लेकर विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों, दलबदल और विधायी प्रक्रिया की रफ्तार तक का पूरा विश्लेषण शामिल है.

5 बैठकों में खत्म हुए 17वीं विधानसभा के कई सत्र

17वीं विधानसभा ने कुल 15 सत्र आयोजित किए, जिनमें 146 बैठकें हुईं. यानी पांच वर्षों में प्रतिवर्ष औसतन सिर्फ 29 दिन सदन चला. बिहार जैसे विशाल राज्य में जनसमस्याओं और कानून निर्माण के लिए यह संख्या बेहद कम मानी जाती है. सबसे लंबे सत्र दूसरा और पांचवां सिर्फ 22-22 बैठकों तक सीमित रहे, जबकि कई सत्र 5 बैठकों में ही खत्म हो गए.

251 विधायकों ने पूछे 22,505 सवाल

17वीं विधानसभा के 251 विधायकों (उपचुनाव सहित) ने मिलकर 22,505 सवाल पूछे. यानी प्रति विधायक औसतन 179 प्रश्न. लेकिन असली कहानी ‘टॉप 15’ और ‘जीरो सवाल’ वाले विधायकों की है.

टॉप 5 सबसे एक्टिव विधायक

इन विधायकों ने सबसे ज्यादा मुद्दे उठाए

  • सत्ता पक्ष के रहते हुए बीजेपी के अरुण शंकर प्रसाद ने 275 सवाल पूछकर टॉप पर रहे.
  • कांग्रेस के मनोहर प्रसाद सिंह ने 231 सवाल पूछे.
  • राजद के मुकेश कुमार यादव ने 230 सवाल पूछे.
  • CPI (M) के अजय कुमार 229 सवाल पूछे.
  • राजद के अजय यादव 226 सवाल पूछे.

5 ‘खामोश’ विधायक जो 5 साल में एक भी सवाल नहीं पूछे

इनमें बड़े नाम शामिल हैं

  • पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (2024 में सांसद बन गए)
  • RJD से तेज प्रताप यादव (अब जनशक्ति जनता दल)
  • बीजेपी के नितिन नवीन
  • बिजेंद्र प्रसाद यादव
  • लेसी सिंह

हालांकि, कई ‘शून्य’ वाले विधायक कार्यकाल के दौरान मंत्री थे. मंत्री सदन में सवाल नहीं पूछते. वे जवाब देते हैं. इसलिए उनका ‘जीरो’ होना लापरवाही नहीं माना जाता.

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