भोजपुरी फिल्म देखने जब बैलगाड़ी बुक करके जाते थे दर्शक, जानिए पुराने दिनों की रोचक बातें…

Bhojpuri News: भोजपुरी फिल्मों की शुरूआत की कहानी बहुत ही रोचक है. इसके चाहने वाले जैसे अभी है, वैसे ही पहले भी हुआ करते थे. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले नजीर हुसैन ने बिमल रॉय की फिल्म दो बीघा जमीन की कहानी लिखी थी.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 13, 2023 1:08 PM

Bhojpuri News: भोजपुरी फिल्मों की शुरूआत की कहानी बहुत ही रोचक है. इसके चाहने वाले जैसे अभी है, वैसे ही पहले भी हुआ करते थे. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले नजीर हुसैन ने बिमल रॉय की फिल्म दो बीघा जमीन की कहानी लिखी थी. इस दौरान ही उन्होंने बिमल रॉय से उनकी भाषा की समझ को बढ़ाया था. साथ ही भोजपुरी के इतिहास की पहली फिल्म ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो’ की कहानी को लिखा था. कहानी लिखने के बाद नजीर हुसैन, बिमल रॉय के पास पहुंचे थे.

देश के पहले राष्ट्रपति की पेशकश पर बनी थी फिल्म

बिमल रॉय इस फिल्म को हिंदी भाषा में बनाना चाहते थे, लेकिन लेखक ने इसे भोजपुरी में बनाने का फैसला कर लिया था. देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का भी इस क्षेत्र में बड़ा योगदान है. उन्होंने एक फिल्म समारोह के दौरान फिल्मकारों को भोजपुरी सिनेमा की दिशा में काम करने के लिए कहा था. इसके बाद ही नजीर हुसैन ने ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो’की पटकथा लिखी थी. लेकिन विमल रॉय के ऑफर ठुकराने के बाद नजीर को मुंबई में कोई निर्माता नहीं मिल रहा था.

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फिल्म ने 80 लाख का किया था कारोबार

कई दिनों के बाद कोयला व्यवसायी और सिनेमा हॉल के मालिक विश्वनाथ प्रसाद शाहबादी इस फिल्म को बनाने के लिए तैयार हुए थे. फिल्म को बनाने के लिए इसका बजट एक लाख 50 हजार रूपए तय हुआ था. लेकिन इस फिल्म के निर्माण में पांच लाख रूपए तक खर्च हो गए थे. 1963 में फिल्म के रिलीज होने के बाद 80 लाख का कारोबार हुआ था. फिल्म के गाने में मोहम्मद रफी, आशा भोसले और लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी थी. गानों को आज भी खूब पसंद किया जाता है. बता दें कि इस फिल्म को देखने के लिए लोग बैलगाड़ी से सिनेमाघर तक पहुंचते थे.

Published By: Sakshi Shiva

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