मौनी अमावस्या आज, गंगा तट गुलजार

आरा : मौनी अमावस्या को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. शुक्रवार को जिले भर के श्रद्धालु गंगा नदी समेत अन्य पवित्र नदियों व सरोवरों में डुबकी लगायेंगे. हिंदू धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है. माघ मास में होने से माघी अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 24, 2020 6:51 AM

आरा : मौनी अमावस्या को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. शुक्रवार को जिले भर के श्रद्धालु गंगा नदी समेत अन्य पवित्र नदियों व सरोवरों में डुबकी लगायेंगे. हिंदू धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है. माघ मास में होने से माघी अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिन भर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है.

इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से विशेष पुण्यलाभ प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है. इसलिये माघ स्नान के लिए मौनी अमावस्या को बहुत ही खास माना गया है.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त : सुबह दो बजकर 17 मिनट से अगले दिन सुबह तीन बजकर 11 मिनट तक
मौनी अमावस्या का महत्व : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है. मौनी अमावस्या पर किया गया दान-पुण्य का फल सतयुग के तप के बराबर मिलता है.
कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत की तरह हो जाता है. प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग है माघ मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान. इसमें भी मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है.
मौनी अमावस्या के दिन किस चीज का करें दान : मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कंबल, गरम वस्त्र, काले कपड़े, जूते दान करने का विशेष महत्व है.

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