Bihar News: सरकारी नौकरी की लालच में बेटे ने हवलदार पिता की हत्या की, बहन को संपत्ति न मिले इसलिए काट दिया अंगूठा
Bihar Crime News: भोजपुर में हजारीबाग में तैनात पुलिस हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस जांच में सामने आया कि अनुकंपा की नौकरी और पैसों की लालच में बेटे ने ही दोस्त के साथ मिलकर रिटायरमेंट से पहले पिता को मौत के घाट उतार दिया.
Bihar Crime News: बिहार के भोजपुर जिले से सामने आई एक वारदात रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली है. झारखंड के हजारीबाग में पोस्टेड पुलिस हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की बेरहमी से हत्या के पीछे कोई बाहरी अपराधी नहीं, बल्कि उनका अपना बेटा ही था. पुलिस ने 5 दिन की गहन जांच के बाद इस सनसनीखेज मर्डर केस का खुलासा कर दिया है.
20 दिसंबर को हुई इस हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया था. अब खुलासा हुआ है कि रिटायरमेंट से ठीक एक महीने पहले पशुपतिनाथ तिवारी को मौत के घाट उतारने की साजिश उनके बेटे विशाल तिवारी ने अपने दोस्त मो. जिशान अहमद जिलानी के साथ मिलकर रची थी. दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
रिटायरमेंट से पहले मौत, अनुकंपा नौकरी बना मकसद
करीब 60 वर्षीय पशुपतिनाथ तिवारी झारखंड पुलिस में ड्राइवर के पद पर तैनात थे और जनवरी 2026 में रिटायर होने वाले थे. दिसंबर में छुट्टी लेकर वे अपने पैतृक गांव भगवतपुर आए हुए थे. 19 दिसंबर की रात वे घर के बरामदे में सो रहे थे, तभी आधी रात को उन पर हमला कर दिया गया.
आरोपियों ने चाकू से गला रेतकर उनकी निर्मम हत्या कर दी. हत्या के बाद दाएं हाथ का अंगूठा भी काट दिया गया, ताकि पहचान और संपत्ति से जुड़े किसी भी कानूनी पेंच से बचा जा सके.
नशे की लत और बिगड़े रिश्तों ने खोला राज
हत्या के बाद मृतक की पत्नी ने चांदी थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो शुरुआती तौर पर ही हत्या का तरीका और अंगूठा काटे जाने की बात संदिग्ध लगी.
जांच में सामने आया कि पशुपतिनाथ का बेटा विशाल तिवारी नशे का आदी है और पिता से उसका लंबे समय से विवाद चल रहा था. इसी बिंदु से पुलिस को बड़ा सुराग मिला. मोबाइल डंप और लोकेशन ट्रैक करने पर पता चला कि वारदात वाली रात विशाल अपने दोस्त के साथ गांव आया था.
बाइक से आए, पिता को मारा और फरार हो गए
पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि 19 दिसंबर की शाम दोनों बाइक से हजारीबाग से निकले और रात करीब डेढ़ बजे भगवतपुर पहुंचे. घर के पास पेड़ का सहारा लेकर मकान में घुसे और बरामदे में सो रहे पशुपतिनाथ तिवारी पर चाकू से हमला कर दिया.
पहले बेटे विशाल ने वार किया, फिर उसके दोस्त ने. हत्या के बाद दोनों बाइक से वापस हजारीबाग की ओर भाग निकले. रास्ते में सहार पुल के पास सोन नदी में चाकू और दस्ताने फेंक दिए.
बहन को संपत्ति ना मिले, इसलिए काटा अंगूठा
पूछताछ में सामने आया कि अंगूठा काटना भी सोची-समझी साजिश का हिस्सा था. विशाल को डर था कि अगर पिता किसी तरह बच गए तो वे जमीन और संपत्ति बहन के नाम कर सकते हैं. इसी आशंका में उसने दाएं हाथ का अंगूठा काट दिया.
जमीन विवाद और पुरानी साजिश का भी खुलासा
पुलिस के अनुसार, हाल ही में पशुपतिनाथ तिवारी ने दो बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराया था, जिसकी जानकारी बेटे को नहीं दी गई थी. इसी बात से विशाल नाराज था. एसडीपीओ ने बताया कि विशाल पहले भी दो साल पहले अपने पिता की हत्या की साजिश रच चुका था. उस वक्त बाइक एक्सीडेंट के जरिए उन्हें मारने की योजना बनाई गई थी, लेकिन वे बच गए थे. इतना ही नहीं, विशाल संपत्ति के लिए अपनी बहन को भी रास्ते से हटाने की प्लानिंग कर रहा था.
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