Bhagalpur news एनएच-31 पर जाम व दुर्घटनाओं से जनता बेहाल
ट्रैफिक थाना को दो पिकअप गश्ती वाहन उपलब्ध कराया गया था, लेकिन हकीकत में दोनों गाड़ियों का लाभ जनता को नहीं मिल रहा
नवगछिया पुलिस जिला में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने की सरकार की मंशा कागज पर ही सिमट कर रह गयी है. पुलिस मुख्यालय से नवगछिया ट्रैफिक थाना को दो पिकअप गश्ती वाहन उपलब्ध कराया गया था, लेकिन हकीकत में दोनों गाड़ियों का लाभ जनता को नहीं मिल रहा. एक गाड़ी होमगार्ड ड्राइवर के भरोसे चल रही है, जबकि दूसरी गाड़ी महीनों से थाना परिसर में धूल फांक रही है. ट्रैफिक विभाग के एक कर्मी ने बताया कि न ड्राइवर है, न पर्याप्त बल. एक गाड़ी कितनी जगह देख लेगी. एनएच-31 का ट्रैफिक भगवान भरोसे है.
एनएच-31 पर जाम से जनजीवन अस्त-व्यस्त
एनएच-31 पर रोजाना सुबह-शाम घंटों जाम लगा रहता है. लोग वाहन में फंसे रहते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जाम अब स्थायी समस्या बन चुका है. ट्रैफिक गाड़ियों की कमी ने हालात को बदतर बना दिया है. गश्ती गाड़ियों की कमी का सीधा असर सड़क सुरक्षा पर दिख रहा है. पिछले छह दिनों में एनएच-31 पर सात सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा चुकी है. तेज रफ्तार वाहन, ओवरलोड ट्रक और अव्यवस्थित ट्रैफिक लगातार हादसों को न्योता दे रहे हैं.थाना परिसर में खड़ी सरकारी शोपीस
थाना परिसर में महीनों से खड़ी खराब गाड़ी चर्चा का विषय बन चुकी है. गाड़ी पर जमी धूल से साफ है कि वह लंबे समय से सड़क पर नहीं उतरी. पुलिस कर्मियों ने उसका नाम सरकारी शोपीस रख दिया है. स्थानीय लोग कहते हैं कि बिना ड्राइवर सरकारी गाड़ी उतनी ही उपयोगी है, जितनी बिना ताले की चाबी. ड्राइवर के नहीं होने से एक गश्ती वाहन फिलहाल खड़ा है. जैसे ही ड्राइवर की व्यवस्था होगी, गाड़ी को फिर से सड़क पर उतार कर ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जायेगा. फिलहाल एनएच-31 पर जाम और दुर्घटनाओं से आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. ट्रैफिक थाना ड्राइवर की नियुक्ति का इंतजार कर रहा है, ताकि सड़क सुरक्षा व यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके. अनिल कुमार, डीएसपी ट्रैफिकडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
