Bhagalpur news रिंग बांधकी मरम्मत नहीं, 10 गांव की 50 हजार की आबादी प्रभावित
रिंग बांध के कटे भाग को मरम्मत करने की मांग रंगरा प्रखंड के सहोड़ा, मदरौनी, सधुआ चापर पंचायत के लोग कर रहे है.
रिंग बांध के कटे भाग को मरम्मत करने की मांग रंगरा प्रखंड के सहोड़ा, मदरौनी, सधुआ चापर पंचायत के लोग कर रहे है. रिंग बांध के कटे भाग से बाढ़ का पानी इन तीनों पंचायत में प्रवेश कर जाता है. प्रत्येक वर्ष 10 गांव के 50 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित होती है. जुलाई से अक्तूबर तक बाढ़ के पानी से गांव के लोग परेशान रहते हैं. बाढ़ के समय पीड़ित परिवार को खानाबदोस जीवन गुजारना होता है. पीड़ित परिवार स्टेशन के प्लेटफार्म, बांध पर, रेल पटरी के किनारे, एनएच-31 के किनारे रहने को विवश होते हैं. कई बार सड़क दुर्घटना, ट्रेन से कटने से बाढ़ पीड़ितों की जान चली जाती है. बाढ़ में आवागमन मुख्य समस्या होती है. पीड़ित परिवार जान हथेली पर रखकर बाढ़ की पानी में आवागमन करते हैं.
संतोष कुमार ने बताया कि विस चुनाव में सभी दल के प्रत्याशी वोट मांगने पहुंचे थे. हम लोगों की उनसे एक ही मांग थी कि रिंग बांध के कटे भाग को बनवा दिया जाए. सभी प्रत्याशी ने आश्वासन दिया था. वोट मांगने के लिए नव निर्वाचित विधायक शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल भी पहुंचे थे. उनसे भी रिंग बांध के कटे भाग को बनवाने की मांग की थी. उन्होंने भी रिंग बांध बनवाने का आश्वासन दिया था, किंतु इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है. प्रत्येक वर्ष बाढ़ आने से करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद हो जाती है. किसान प्रमोद कुमार कहते हैं कि बाढ़ आने से मक्का सब्जी व अन्य फसल बर्बाद हो जाती है. किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है. बाढ़ के पानी में लगभग पांच सौ एकड़ में लगी फसल बर्बाद होती है. किसान पूरे वर्ष में केवल एक भी फसल ले पाते हैं. रिंग बांध बनने से किसान वर्ष में तीन फसल ले पायेंगे. इससे क्षेत्र का विकास होगा. किसान भी खुशहाल होंगे.
शंकर सिंह कहते हैं कि रिंग बांध के कटे भाग को बनाने में भुअर्जन की समस्या है. पूर्व में रिंग बांध को रेलवे से जोड़ दिया गया था. किंतु कटे भाग में रेलवे की जमीन पर नदी बह रही है. रिंग बांध बनाने के लिए अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता है. उस क्षेत्र में जमीन जनप्रतिनिधि एवं उसके रिश्तेदार की है. इस कारण जल संसाधन विभाग रिंग बांध बनाने का प्रस्ताव ही नहीं भेजता है. यदि प्रस्ताव भेजा जाता हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है. इस्माइलपुर व गोपालपुर क्षेत्र में रिंग बांध के कटने पर उसी वर्ष मरम्मत हो जाती हैं. मदरौनी के पास रिंग बांध के कटे हुए भाग को 15 वर्ष बीतने के पश्चात कटे भाग को मरम्मत नहीं किया जा सका है. अनुज कुमार, नियाजुल हक, मनीष कुमार, शमीम अख्तर, प्रवीण कुमार, मनोज कुमार, सौरभ कुमार कहते हैं कि जल संसाधन विभाग रिंग बांध बनने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे. यदि इस बार रिंग बांध के कटे भाग को नहीं बनाया गया, तो आंदोलन किया जायेगा. रेल व रोड का चक्का जाम कर दिया जायेगा.
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