bhagalpur news. एनजीओ सफाईकर्मियों की हड़ताल से शहर में गंदगी का अंबार
नगर परिषद क्षेत्र में सफाई एनजीओ के सफाईकर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है
नगर परिषद क्षेत्र में सफाई एनजीओ के सफाईकर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी नगर के सभी 28 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरा उठाव एवं नियमित सफाई का कार्य ठप रहा. सफाई नहीं होने के कारण शहर के विभिन्न इलाकों में गंदगी का अंबार लग गया है और कई स्थानों पर कूड़ा सड़क पर बिखरा हुआ है. सफाई व्यवस्था ठप रहने से शहरवासियों में सफाई की जिम्मेदारी संभाल रहे एनजीओ के प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है. जानकारों के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में प्रतिदिन आठ टीपर और दो ट्रैक्टर-ट्रॉली से कचरे का उठाव किया जाता है, लेकिन हड़ताल के कारण कचरा वार्डों में ही पड़ा रह गया है. सफाईकर्मियों का कहना है कि सावन और भादो माह का वेतन अब तक बकाया है, जो पूर्व की एजेंसी के कार्यकाल से जुड़ा हुआ है. अब एजेंसी बदल जाने के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि बकाया भुगतान कौन करेगा. सफाईकर्मियों का आरोप है कि नगर परिषद द्वारा लगातार आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई. हड़ताल का असर धार्मिक स्थलों पर भी साफ नजर आ रहा है. नमामि गंगे घाट और अजगैवीनाथ मंदिर घाट पर कचरा पसरा हुआ है, जिससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल पर गए सफाईकर्मियों ने सफाई एजेंसी के विरुद्ध सुलतानगंज थाना में सामूहिक रूप से आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला नगर परिषद से जुड़ा होने के कारण आवेदन को संबंधित एजेंसी सुगम इंडिया सोसायटी को भेजते हुए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ, सदर एसडीएम, सदर डीएसपी एवं एसएसपी को अग्रसारित किया गया है. वहीं नगर परिषद के सभापति राजकुमार गुड्डू ने बताया कि सफाईकर्मियों की समस्या के समाधान को लेकर एजेंसी के पर्यवेक्षक से बातचीत की गई है. सफाईकर्मियों की मांगों को पूरा कर अतिशीघ्र शहर में सफाई व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया गया है. फिलहाल स्थायी स्वच्छता कर्मियों के माध्यम से सफाई कराई जा रही है. नगर परिषद क्षेत्र में सफाई एनजीओ के सफाईकर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी नगर के सभी 28 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरा उठाव एवं नियमित सफाई का कार्य ठप रहा. सफाई नहीं होने के कारण शहर के विभिन्न इलाकों में गंदगी का अंबार लग गया है और कई स्थानों पर कूड़ा सड़क पर बिखरा हुआ है. सफाई व्यवस्था ठप रहने से शहरवासियों में सफाई की जिम्मेदारी संभाल रहे एनजीओ के प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है. जानकारों के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में प्रतिदिन आठ टीपर और दो ट्रैक्टर-ट्रॉली से कचरे का उठाव किया जाता है, लेकिन हड़ताल के कारण कचरा वार्डों में ही पड़ा रह गया है. सफाईकर्मियों का कहना है कि सावन और भादो माह का वेतन अब तक बकाया है, जो पूर्व की एजेंसी के कार्यकाल से जुड़ा हुआ है. अब एजेंसी बदल जाने के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि बकाया भुगतान कौन करेगा. सफाईकर्मियों का आरोप है कि नगर परिषद द्वारा लगातार आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई. हड़ताल का असर धार्मिक स्थलों पर भी साफ नजर आ रहा है. नमामि गंगे घाट और अजगैवीनाथ मंदिर घाट पर कचरा पसरा हुआ है, जिससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल पर गए सफाईकर्मियों ने सफाई एजेंसी के विरुद्ध सुलतानगंज थाना में सामूहिक रूप से आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला नगर परिषद से जुड़ा होने के कारण आवेदन को संबंधित एजेंसी सुगम इंडिया सोसायटी को भेजते हुए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ, सदर एसडीएम, सदर डीएसपी एवं एसएसपी को अग्रसारित किया गया है. वहीं नगर परिषद के सभापति राजकुमार गुड्डू ने बताया कि सफाईकर्मियों की समस्या के समाधान को लेकर एजेंसी के पर्यवेक्षक से बातचीत की गई है. सफाईकर्मियों की मांगों को पूरा कर अतिशीघ्र शहर में सफाई व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया गया है. फिलहाल स्थायी स्वच्छता कर्मियों के माध्यम से सफाई कराई जा रही है.
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