bhagalpur news. पानी के बीच पीने के पानी को तरसते गंगा के निकटवर्ती मुहल्ले के लोग
गंगा के किनारे पेयजल के लिए परेशान लोग.
गंगा में बाढ़ के कारण शहरी क्षेत्रों गंगा के किनारे रह रहे लोगों में पेयजल की समस्या गहरा गयी है. इतना ही नहीं कमोबेश पूरे शहर में शुद्ध पानी उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है. निम्नवर्गीय लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है और मध्यवर्गीय लोगों को पीने के लिए जार का पानी खरीदना पड़ रहा है. ऐसे में कह सकते हैं कि पानी के बीच रहकर लोग पानी को तरस रहे हैं.
बोरिंग के पानी में बदबू, लोग परेशान
गंगा के किनारे बसे मुहल्ले साहेबगंज, मोहनपुर, सराय, रिकाबगंज, कंपनीबाग, बूढ़ानाथ, सखीचंद घाट, कसबा गोलाघाट, किलाघाट, मानिक सरकार घाट, आदमपुर घाट, बैंक कॉलोनी, कोयलाघाट, कालीघाट, बरारी घाट आदि क्षेत्रों में बोरिंग के पानी से बदबू आ रही है. माेहनपुर के मुकेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र में हजारों की आबादी है. हरेक घर में बाढ़ का पानी घुस आया है. लगातार पानी जमे रहने के कारण चापाकल का पानी गंदा निकलने लगा है. यही पानी उबाल कर पीने को विवश हैं. वहीं रिकाबगंज के दीपक पोद्दार बताया कि प्रत्येक वर्ष गंगा में जलस्तर बढ़ने और विश्वविद्यालय परिसर से निकले हथिया नाला में पानी बढ़ने के साथ ही पानी बदबूदार निकलने लगता है. इसके लिए अधिकतर लोग जार वाला पानी खरीदने को विवश हैं.गंगा के निकटवर्ती मोहल्ले में नहीं पहुंच रहा पानी का टैंकर
नगर निगम की ओर से केवल बाढ़ राहत शिविर में पानी का टैंकर भेजा जा रहा है, जबकि गंगा के निकटवर्ती मोहल्ले में भी लोगों को पानी की दिक्कत हो रही है. दीपनगर झुग्गी बस्ती के संजय कुमार ने बताया कि यहां भी 100 परिवार रहते हैं, जो कि दीपनगर चौक व आसपास क्षेत्र में जहां-तहां शरण लिए हुए हैं. उनके लिए पानी तक नहीं भेजा जा रहा है. इसके अलावा बैंक कॉलोनी, मानिक सरकार घाट आदि में भी दर्जनों घर बाढ़ में डूब गये हैं. यहां जैसे-तैसे लोग रहने को विवश हैं. यहां भी पानी टैंकर की जरूरत है. शहर के पानी कारोबारी की मानें, तो पहले जहां 200 से 250 जार पानी रोजाना बेच लेते थे, अभी 400 से अधिक जार पानी बिक रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
