JLNMCH. न दवाई, न ही समय पर भोजन

मायागंज अस्पताल का निरीक्षण.

By KALI KINKER MISHRA | November 22, 2025 10:16 PM

– प्रमंडलीय आयुक्त हिमांशु कुमार राय के निर्देश पर क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी अनिल कुमार और आयुक्त के सचिव विनोद कुमार सिंह ने का किया निरीक्षण

प्रमंडलीय आयुक्त हिमांशु कुमार राय के निर्देश पर क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी अनिल कुमार और आयुक्त के सचिव विनोद कुमार सिंह ने जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज के विभिन्न वार्डों का शनिवार को निरीक्षण किया. इस क्रम में कई कमियां मिली, जिसे दूर करने के निर्देश दिये. खासकर दवा की कमी और सभी मरीजों के बेड समीप ऑक्सीजन कनेक्शन नहीं मिला. आइसीयू में हरेक बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही थी. सफाई भी मुकम्मल नहीं मिली. दोनों अधिकारियों ने संबंधित पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये.

कर्मचारियों को नहीं मिला है छह माह से वेतन

दोपहर 2:30 बजे मायागंज अस्पताल पहुंचकर आइसीयू, इमरजेंसी, फेब्रिकेडेट वार्ड, मॉर्चरी समेत ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया. लगभग दो घंटे तक निरीक्षण किया. मायागंज अस्पताल के विभिन्न वार्डों में अव्यवस्था को देखकर नाराजगी जतायी. मरीजों ने बताया कि कई दवा बाहर से खरीदना पड़ रहा है. कई मरीजों ने समय पर खाना नहीं मिलने की भी शिकायत की. फेब्रिकेटेड वार्ड के सामने कार्यरत कर्मचारियों से उनकी व्यवस्था को जानने का प्रयास किया गया, ताकि समय पर वेतन मिलेगा, तभी कर्मचारी मन लगाकर काम करेंगे. कर्मचारियों ने बताया कि छह माह से वेतन नहीं मिला है. एजेंसी से उन्हें वेतन दिलाने का आश्वासन दिया. कर्मचारियों व मरीज के परिजनों ने बताया कि मॉर्चरी में घंटों मरीज के शव रखे रहने से बदबू फैलने लगती है. सचिव अनिल कुमार ने मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ अविलेश कुमार, हाॅस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार से अस्पताल की व्यवस्था से अवगत हुए. माडर्न मॉर्चरी के बारे में बताया कि इसका प्रस्ताव बीएमएसआईसीएल के पास लंबित है. इसी क्रम में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ राजकमल चौधरी, ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ दिव्या सिंह, एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ आलोक कुमार सिंह से भी मरीजों के लिए सुविधा बढ़ाने को लेकर चर्चा की. ऑक्सीजन प्लांट के निरीक्षण के दौरान कई प्वाइंट्स खराब मिल.

फिर शिशु रोग विभाग के नीकू का जायजा लिया. ब्लड बैंक में खून की खरीद-बिक्री मामले की जानकारी ली. एनेस्थिसिया एचओडी डॉ आलोक सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से दलाल को बढ़ावा नहीं मिल रहा है, बल्कि भोले-भाले मरीज उनके चंगुल में फंस जाते हैं. अस्पताल से बाहर ही खून की खरीद बिक्री होती है.

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