bhagalpur news. 1.20 करोड़ से बनेगा मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर, तैयारी शुरू
भागलपुर में बनेगा मेटेरियल फेसिलिटी सेंटर.
एमआरएफ सेंटर से शहर में बढ़ेगी कचरा प्रबंधन क्षमता, स्वच्छता व्यवस्था होगी मजबूतनगर निगम की बड़ी परियोजनाओं में शामिल मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर के निर्माण की प्रक्रिया फिर शुरू हो गयी है. योजना की लागत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गयी है और अब इसे अपडेटेड बजट के साथ पूरा किया जायेगा. पहले की निर्धारित राशि की तुलना में 01 करोड़ 20 लाख 28 हजार 400 रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे. एमआरएफ सेंटर का निर्माण कनकैथी में प्रस्तावित है. इसपर 17 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च का प्रावधान था, लेकिन विभाग की समीक्षा के बाद लागत संशोधित कर 18 करोड़ 70 लाख 28 हजार 400 रुपये कर दी गयी है. नयी स्वीकृति के साथ निर्माण की प्रक्रिया तेजी से अपनायी जाने लगी है. नगर निगम का मानना है कि एमआरएफ सेंटर बन जाने से शहर में कचरा प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी, सूखे कचरे के प्रसंस्करण की सुविधा मजबूत होगी और स्वच्छता व्यवस्था में व्यापक सुधार आयेगा.
निविदा जारी, नये साल से काम शुरू होने की उम्मीद
निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते हुए नगर निगम ने निविदा जारी कर दी है. तकनीकी बिड 29 दिसंबर को खोली जायेगी, इसके बाद फाइनेंसियल बिड खोलकर निर्माण एजेंसी का चयन किया जायेगा. सभी प्रक्रियाएं तय समय पर पूरी हो गयी तो नये साल में एमआरएफ सेंटर का निर्माण शुरू हो जायेगा.लागत बढ़ने की वजह, उपकरण की ढुलाई का खर्च
पूर्व में निकली निविदा रद्द होने के बाद पुनर्मूल्यांकन में यह स्पष्ट हुआ कि प्राक्कलित राशि में कैरेज चार्ज शामिल नहीं था. इस कारण सिंगल टेंडर मिला और पूरी प्रक्रिया रोकनी पड़ी. इस बार नयी निविदा में कैरेज चार्ज जोड़ा गया है. एमआरएफ सेंटर के लिए आवश्यक उपकरण दिल्ली से लाये जायेंगे, जिसकी ढुलाई पर भारी खर्च आयेगा. इसी वजह से परियोजना की कुल लागत बढ़ानी पड़ी है.साढ़े सात एकड़ जमीन पर कनकैथी में बनेगा प्लांट
मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर (एमआरएफ) करीब साढ़े सात एकड़ जमीन पर बनेगा. यहां गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग कर प्रतिदिन 100 टन तक कचरे का निस्तारण किया जायेगा. इतना ही नहीं, गीले कचरे से जैविक खाद भी तैयार की जायेगी, जिससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा. पहले लीज पर जमीन ली जानी थी और इसके लिए निविदा भी जारी की गयी लेकिन, उसको रद्द कर दिया गया है.
क्यों है यह जरूरी
वर्तमान में भागलपुर में प्रतिदिन लगभग 250 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. इसमें करीब 60 प्रतिशत गीला और 40 प्रतिशत सूखा कचरा होता है. अब तक प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से पूरा भार डंपिंग ग्राउंड पर ही पड़ता है. एमआरएफ शुरू होने के बाद डंपिंग ग्राउंड पर दबाव कम होगा और कचरा प्रबंधन की समस्या काफी हद तक हल हो जायेगी.कोट
मेटेरियल रिकवरी फैसलिटी सेंटर के निर्माण के लिए निविदा जारी कर दी गयी है. इस बार प्राक्कलन में कैरेज चार्ज जोड़ा गया है, क्योंकि उपकरण दिल्ली से मंगाये जायेंगे. उम्मीद है कि इस बार एजेंसी का सफलतापूर्वक चयन हो जायेगा.
शशिभूषण सिंह, सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारीनगर निगम भागलपुरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
