bhagalpur news. भक्ति, संस्कृति और परंपरा का जीवंत दर्शन है गोपाष्टमी मेला
श्रीगौशाला में यह गोपाष्टमी मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, संस्कृति और परंपरा का जीवंत दर्शन है.
श्रीगौशाला में यह गोपाष्टमी मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, संस्कृति और परंपरा का जीवंत दर्शन है. गोपाष्टमी का यह उत्सव हमारी संस्कृति, आस्था और संवेदना का प्रतीक है. जिस प्रकार मां अपने बच्चों को दूध पिलाकर पोषण देती है, ठीक उसी प्रकार गौमाता पूरे संसार को जीवन-सत्व प्रदान करती हैं. उक्त बातें बुधवार को श्रीश्री गाैशाला कमेटी की ओर से गौशाला परिसर में गोपाष्टमी महोत्सव का उद्घाटन करते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के निदेशक डॉ अनिल कुमार सिंह ने कही. इससे पहले उनके साथ महोत्सव का उद्घाटन ब्रह्मकुमारी अनीता दीदी, विवेकानंद पटना केंद्र धर्मदास, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष डॉ शंभु दयाल खेतान, बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ राजीव कांत मिश्रा, बाल मुकंद गोयंका, अशोक भिवानीवाला, सत्य नारायण पोद्दार, महामंत्री गिरधारी केजरीवाल, वरिष्ठ समाजसेवी लक्ष्मी नारायण डोकानिया, मंत्री सुनील जैन, संयोजक रोहित बाजोरिया, कोषाध्यक्ष अतुल ढंनढनिया ने संयुक्त रूप से किया. बारिश से हुई परेशानी श्री श्रीगौशाला, भागलपुर में गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से किया गया. पूरे परिसर में धार्मिक उल्लास और भक्ति का वातावरण बना रहा. प्रातः से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में गोशाला पहुचते रहे और गौ माता का पूजन-अर्चन किया. विधि-विधान से गौ-पूजन प्रातः आरंभ हुआ. इसके बाद हवन-पूजन हुआ. देर शाम हुई बारिश के कारण परेशानी आयी. आनेवाले लोगों की संख्या कम हो गयी. हालांकि कलाकारों ने अलग-अलग प्रस्तुति देकर अतिथियों का दिल जीत लिया. मेले में बना भगवान शिव का मनोहारी शृंगार, शिक्षाप्रद कहानियों से जुड़ी झांकी आकर्षक का केंद्र बना हुआ था. इसके अलावा मेले में उमड़े बच्चों ने झूले, कठघोड़वा का आनंद लिया. बच्चों ने फैंसी ड्रेस में श्रीकृष्ण, राधा व गोपियों का रूप धारण किया बच्चों के लिए आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में छोटे-छोटे बच्चों ने श्रीकृष्ण, राधा और गोपियों की वेश में प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया. गौ-संवर्धन संगोष्ठी का आयोजन हुआ. वक्ताओं ने गौ माता के संरक्षण और गोपालन की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला. ब्रह्म कुमारी अनीता दीदी ने कहा कि जब हम आधुनिकता की दौड़ में परंपराओं को भूलते जा रहे हैं, तब ऐसे मेले हमें अपनी जड़ों की याद दिलाते हैं. लोगों में धार्मिक चेतना जगती है. यह आयोजन समाज को संस्कारवान बनाता है. राजीव कांत मिश्रा ने कहा वर्तमान परिस्थिति में यदि संपूर्ण कल्याण चाहिए तो उसका आधार गांव और गाय का विकास है. जिन चीजों में माता शब्द जुड़ जाये, वह पूजनीय है. गंगा माता, गाय माता व भारत माता हम सभी के लिए पूजनीय है. ऐसा भव्य आयोजन भागलपुर के लिए गर्व की बात है. विवेकानंद केंद्र के धर्मदास ने कहा गोपाष्टमी वह पावन दिन है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गौसेवा की शुरुआत की थी. गांव के चौपाल से लेकर किसान के खलिहान तक, सबका जीवन गाय के बिना अधूरा है. कृष्ण ने माखन खाया, पर असल में हमें सिखाया कि सेवा और स्नेह में ही आनंद है. मंच संचालन मंत्री सुनील जैन ने किया. वृंदावन के कलाकारों ने लोगों को किया आकर्षित वृंदावन के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत श्रीकृष्ण रासलीला ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया. पूरा वातावरण को भक्ति से सराबोर हो उठा. पूरा परिसर जय गौमाता, हर हर महादेव और श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी के जयघोष से गुंजायमान होता रहा. डॉ प्रदीप बजाज, प्रो बिहारी लाल चौधरी, बनवारी लाल खेतान, अशोक भिवानीवाला, श्याम सुंदर खेतान, विजय शर्मा, सुनील बुधीया, राजेश बंका, प्रदीप सिवानीवाला आदि उपस्थित थे.
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