एएसआइ की मौत मामले में डीआइजी किया पुलिस की चूक उजागर

डीआइजी ने एएसआइ की मौत मामले में पुलिस की चूक का खुलासा किया.

By KALI KINKER MISHRA | March 22, 2025 9:34 PM

-समीक्षा के बाद कहा, घिर जाने के बाद पुलिस ने आत्मरक्षार्थ की होती फायरिंग तो नहीं होती घटना

-डीआइजी ने अररिया, पूर्णिया, कटिहार व किशनगंज के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर इस तरह की चूक नहीं करने का दिया निर्देशअंकित आनंद, भागलपुर

अररिया जिला में 12 मार्च की रात गांजा तस्कर को गिरफ्तार करने गयी फुलकाहा थाना की पुलिस पार्टी पर हुए हमले में मुंगेर के जानकीनगर निवासी एएसआइ राजीव रंजन मल्ल की मौत मामले में जिला से लेकर पुलिस मुख्यालय तक समीक्षा में जुटा है. अररिया एसपी की समीक्षा के बाद अब पूर्णिया रेंज के डीआइजी ने मामले की समीक्षा की है. जिसमें छापेमारी करने गयी पुलिस पार्टी की कई चूक का खुलासा हुआ है.

बता दें कि पूर्णिया डीआइजी ने खुद घटनास्थल पर पहुंच कर निरीक्षण किया था. गवाहाें का बयान लिया था. इसको लेकर पूर्णिया रेंज डीआइजी ने अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा है. जिसमें छापेमारी और गिरफ्तारी के दौरान पुलिस की ओर से की गयी चूक नहीं होने को लेकर निर्देश दिया है. साथ ही कहा गया है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो इसके लिए सभी थानाध्यक्षों और संबंधित पदाधिकारियों को ब्रीफ करें.

डीआइजी ने इन चूक का किया है उल्लेख

. पुलिस जीप के चालक द्वारा बंद गली में उल्टी दिशा में गाड़ी खड़ी की गयी थी. – जिसकी वजह से अभियुक्त को गाड़ी में बैठाने के बाद जीप को बैक करने में काफी समय लग गया.

– छापेमारी करने गयी टीम को थानाध्यक्ष द्वारा मोडस ऑपरेंडी के संबंध में नहीं किया गया था ब्रीफ.

– छापामारी का समय और जगह दोनों का ही आकलन पूर्व से सही ढंग से नहीं किया गया था.

– जिस वक्त पुलिस ने छापेमारी की, उस वक्त वहां करीब एक हजार लोग भोज खाने आये हुए थे. छापामारी दल में पर्याप्त संख्या में बल नहीं थे, मात्र दो सिपाही के साथ आरोपित को पकड़ने पुलिस गयी थी.

– छापामारी दल द्वारा घिर जाने के बाद भी समय पर आत्मरक्षार्थ फायरिंग नहीं की गयी. यदि समय पर फायरिंग की गयी होती तो ऐसी घटना नहीं होती.

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