bhagalpur news. दिनभर श्रद्धालुओं ने चढ़ाया डलिया, माता विषहरी का किया दर्शन और रात्रि में हुई बिहुला व बाला लखेंद्र का विवाह

जिले के 182 स्थानों पर पारंपरिक तरीके से रविवार को प्रातः ही बिहुला विषहरी की पूजा शुरू हो गयी

By ATUL KUMAR | August 18, 2025 1:13 AM

जिले के 182 स्थानों पर पारंपरिक तरीके से रविवार को प्रातः ही बिहुला विषहरी की पूजा शुरू हो गयी. दिनभर श्रद्धालु डलिया चढ़ाये. शाम को भगत पूजन हुआ. इसके बाद महाआरती हुई. रात्रि में धूमधाम से बाला लखेंद्र की बरात बिहुला के घर पहुंची. इसी दौरान बिहुला – विषहरी के लोकगीत व भजन गाये गये. लोकगाथा के अनुसार सारी रस्म पूरी हुई और बिहुला और बाला लखेंद्र का विवाह हुआ.

अंग क्षेत्र अंतर्गत भागलपुर शहरी क्षेत्र में 116 स्थानों पर हुई बिहुला-विषहरी की पूजा

अंग क्षेत्र अंतर्गत भागलपुर शहरी क्षेत्र में 116 स्थानों पर बिहुला- विषहरी की पूजा शुरू हुई. चंपानगर मनसा विषहरी स्थान, परवत्ती, इशाकचक, भीखनपुर, खंजरपुर, बरारी रिफ्यूजी कॉलोनी, गौशाला, दीपनगर, जोगसर समेत शहर के विभिन्न स्थानों पर माता बिहुला- विषहरी की प्रतिमा को भव्य रूप से सजाया गया था. शहर में कुछ स्थानों पर भगत पूजन भी हुआ.

झूमते हुए भगत गा रहे थे मनौन

विषहरी स्थान में दिनभर भगत लीला होता रहा. भगत झूमते हुए आते और भगत झूमते हुए आते और पूजा करते हुए फिर गंगा की ओर चले जाते. कुतुबगंज की 120 महिलाएं अपने सिर पर नागनुमा कलश लेकर सीढ़ी घाट, बरारी की ओर नाचते हुए जाती दिखीं.

भजन से भक्तिमय हुआ माहौल

गीत गाकर श्रद्धालुओं ने विषहरी माता का आह्वान किया. महाशय ड्योढ़ी स्थित ऐतिहासिक स्थल लोहा बास घर में भी पूजा-अर्चना की गयी. यहां पर भी प्रतिमा स्थापित की गयी और इलिया चढ़ाया गया. पूजन कार्यक्रम सेवायत विजय प्रकाश झा के संचालन में हुआ, दीपहर एक बजे भजन कार्यक्रम शुरू हुआ. इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता देवाशीष बनर्जी, पूर्व पार्षद काकुली बनर्जी आदि उपस्थित थे. मोहद्दीनगर कागजी टोला लेन में धूमधाम से विषहरी पूजा हुई. रात्रि 8:30 बजे चांदो सौदागर के पुत्र बाला लखेंद्र की बरात निकाली गयी, जो पूजा स्थान से मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान रोड होते हुए पुनः स्थल पर आकर पूरी हुई. परबत्ती में रात्रि 11 बजे सती बिहुला और बाला लखेंद्र का विवाह कराया गया. मिरजानहाट रोड इशाकचक में सुबह आठ बजे विषहरी पूजा हुई. रात्रि नौ बजे बरात निकाली गयी. इशाकचक बुढ़िया विषहरी स्थान में प्रातः सात से 10 बजे तक सरकारी पूजा हुई. शाम चार बजे भगत पूजन हुआ. रात आठ बजे बिहुला की बरात निकली, जो बैंड-बाजों के साथ नयाचक शिव मंदिर, लालूचक काली मंदिर होते हुए पुनः विषहरी स्थान में पूरी हुई.

बड़ी खंजरपुर में स्थानीय कलाकारों किया नृत्य

बड़ी खंजरपुर में भी लोकगाथा पर आधारित झांकी सजायी गयी थी. यहां पर भगत के साथ महिला भक्तों का जत्था नाग कलश के साथ मंदिर के सामने नाचकर विषहरी माय की जय आदि जयकारा लगाते रहे. रात्रि में स्थानीय कलाकार ने सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया.

दीपनगर से निकली भव्य बरात

दीपनगर चौक स्थित विषहरी मंदिर में प्रातः से ही पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. संरक्षक संजय सिन्हा एवं मनोज गुप्ता ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया. सुबह डलिया चढ़ाया गया तो रात्रि में बाला लखेंद्र की बरात निकाली गयी, जो बूढानाथ चौक, नया बाजार, कोतवाली खलीफाबाग चौक, खरमनचक होते हुए पुन: मंदिर परिसर में पूरी हुई. आयोजन में मनोज कुमार गुप्ता, सोनू ठाकुर, मनीष कुमार ठाकुर, आकाश कुमार, राहुल मंडल, सोनू दास, पिंटू राज आदि का योगदान रहा.

केंद्रीय समिति ने जिले विभिन्न पूजा स्थानों का किया भ्रमण

भागलपुर, विषहरी महारानी केंद्रीय पूजा समिति की ओर से पदाधिकारियों ने जिले के विभिन्न पूजा स्थानी नवगछिया, सबौर समेत शहरी क्षेत्र में भ्रमण किया. अध्यक्ष भोला कुमार मंडल, कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार, महासचिव शशि शंकर राय, श्यामल किशोर मिश्रा, दिनेश मंडल उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, कैलाश यादव, पिंकी बगोरिया, संगठन मंत्री शिव कुमार सिंह, कार्यालय मंत्री जगत नारायण सिंह, मंत्री संजय हरि, नवीन कुमार चिंटू, गौतम वर्मा, मेला प्रभारी छंगुरी शर्मा आदि ने अलग-अलग टोली में भ्रमण किया और वहां के समस्या व समाधान पर चर्चा की.

रानी चंद्रावती अहाता, आदमपुर में स्थायी प्रतिमा की हुई पूजा

आदमपुर स्थित रानी चंद्रावती अहाता में स्थायी प्रतिमा की पूजा-अर्चना की गयी. दूसरे दिन प्रात: छह बजे हर पूजा स्थलों के कलश का विसर्जन किया जायेगा. यहां पर 19 अगस्त को प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा.

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