bhagalpur news. त्योहारी सीजन में बाजारों में बढ़ी भीड़, सुरक्षा के इंतजाम नदारद
दीपावली और छठ जैसे त्योहारों को लेकर भागलपुर का बाजार इन दिनों सुबह से लेकर देर रात तक खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है.
दीपावली और छठ जैसे त्योहारों को लेकर भागलपुर का बाजार इन दिनों सुबह से लेकर देर रात तक खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है. दूरदराज से लोग कपड़ा, सजावटी सामान, मिठाई, बर्तन और खासतौर पर आभूषणों की खरीदारी को लेकर शहर पहुंच रहे हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह लचर दिख रही है. ऐसे में शातिर अपराधी और लुटेरे मौका पाकर सक्रिय हो जाते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि त्योहारों के वक्त शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस का रवैया ढीला रहता है. दिन में कुछ समय के लिए चेकिंग अभियान जरूर चलता है, लेकिन रात में पुलिस की गश्त लगभग न के बराबर होती है. बता दें कि दो दिन पूर्व खलिफाबाग चौक पर महिला से आभूषण की छिनतई हुई थी.
आचार संहिता में सुस्त प्रशासन विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ गयी है, लेकिन शहर में देर रात सुरक्षा-व्यवस्था का अभाव साफ दिखता है. बुधवार की रात 11:30 बजे से लेकर रात 1:00 बजे तक शहर के मुख्य बाजारों में एक भी पुलिसकर्मी की मौजूदगी नहीं दिखी. जबकि सीमावर्ती इलाकों में चुनावी ड्यूटी पर तैनात विशेष पुलिस बल मौजूद है, परंतु शहर के भीतर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा नहीं है. इशाकचक निवासी श्वेता राय जो विशाखापत्तनम में रहती हैं, त्योहार मनाने घर लौटी हैं. उन्होंने बताया कि पहले जैसे बाजार में रौनक तो है, लेकिन सुरक्षा बिल्कुल नहीं. अब बाजार जाने में डर लगता है, असहज महसूस होता है. खंजरपुर बरगाछ चौक निवासी मंजू शर्मा ने कहा कि बच्चों के साथ बाजार जाना अकसर लगा रहता है, पर आए दिन अपराध की घटनाएं सुनकर डर बना रहता है. त्योहरों में पुलिस की चौकसी बढ़ानी चाहिए.चोरी का सताता है भय
वहीं त्योहार के मौके पर जहां व्यापार बढ़ता है. वहीं छोटे दुकानदारों के मन में चोरी का भय रहता है. स्ट्रीट वेंडर और मूर्ति विक्रेता रोहित सिंह सोढ़ी ने कहा कि बाजार में भीड़ रहती है, पर देर रात दुकानें बंद होने के बाद चोरी का खतरा बढ़ जाता है. सीसीटीवी लगाना बजट में तो नहीं है, लेकिन ये हमारी मजबूरी बन गयी है. खंजरपुर निवासी दुकानदार इमरान खान ने बताया कि रात के वक्त नशेड़ी और असामाजिक तत्व बाजारों में घूमते रहते हैं. त्योहार के दिनों में इनका आतंक और बढ़ जाता है. प्रशासन को रात में गश्त बढ़ानी चाहिए. भीखनपुर निवासी मौसम सिंह ने बताया कि त्योहार में बाजार जाने का मन करता है, लेकिन पिता मना करते हैं क्योंकि सड़क पर असामाजिक तत्वों की भरमार रहती है. एक बार पिताजी से बदसलूकी भी हो चुकी है. लागों का कहना है कि अगर त्योहारों के समय पुलिस की गश्त और निगरानी बढ़ायी जाए, तो अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में सीसीटीवी कैमरे और महिला पुलिस की तैनाती जरूरी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
