फर्जी तरीके से नौकरी पाए नियोजित शिक्षकों की बढ़ेगी परेशानी, निगरानी विभाग ने जांच के लिए मांगा प्रमाणपत्रों का फोल्डर

शिक्षा विभाग ने निगरानी विभाग की जांच के लिए जिला शिक्षा कार्यालय से 23 दिसंबर तक शेष बचे प्राथमिक व मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित प्रमाणपत्रों का फोल्डर मांगा है. वहीं फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे पंचायती राज संस्था अंतर्गत प्राथमिक व मध्य विद्यालय में नियोजित हुए शिक्षकों की जांच के लिए बैठक करने की बात कही.

By Prabhat Khabar | December 17, 2020 9:47 AM

शिक्षा विभाग ने निगरानी विभाग की जांच के लिए जिला शिक्षा कार्यालय से 23 दिसंबर तक शेष बचे प्राथमिक व मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित प्रमाणपत्रों का फोल्डर मांगा है. वहीं फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे पंचायती राज संस्था अंतर्गत प्राथमिक व मध्य विद्यालय में नियोजित हुए शिक्षकों की जांच के लिए बैठक करने की बात कही.

इस बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना, पंचायत नियोजन इकाई के सदस्य सचिव या पंचायत सचिव, प्रखंड नियोजन इकाई के सदस्य सचिव या बीडीओ और जिले में निगरानी विभाग के प्रतिनियुक्त पदाधिकारी शामिल होंगे. बैठक के बाद जांच से संबंधित शेष फोल्डर व मेधा सूची को निगरानी विभाग के नोडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाये.

फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए एक मामला 2014 में ही पटना हाईकोर्ट में दर्ज किया गया था. इसके बाद निगरानी विभाग ने मामले की जांच शुरू की. जनवरी 2019 हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया था कि राज्य भर में करीब 110410 शिक्षकों का फोल्डर जमा नहीं हुआ है. भागलपुर जिले में नियोजन इकाइयों द्वारा नियोजित 8186 प्रारंभिक शिक्षकों में से डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों का फोल्डर प्राप्त नहीं हुआ है.

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फोल्डर मांगने की प्रक्रिया 2016 में ही शुुरू हो गयी थी. इससे बाद 2018 में एक हजार शिक्षकों का फोल्डर नहीं मिलने पर कई नियोजन इकाइयों पर केस दर्ज किया गया है. सभी बेल लेकर घूम रहे हैं. इन नियोजन इकाइयों से फोल्डर की वसूली की जिम्मेदारी बीइओ को दी गयी है. कई फर्जी शिक्षक इस्तीफा दे चुके हैं, तो कई फरार हो चुके हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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