भागलपुर : गुस्सा, गम व गर्व के बीच रतन को दी सलामी, अंतिम दर्शन को बेताब दिखे लोग

बच्चे तिरंगा लिये शहीद अमर रहें के लगा रहे थे नारे भागलपुर : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद सीआरपीएफ जवान रतन कुमार ठाकुर को उनके गांव रतनपुर का हर शख्स अंतिम दर्शन को बेताब था. अमडंडा थाना क्षेत्र के मदारगंज पंचायत के रतनपुर गांव में शनिवार की सुबह से ही गांव का हर शख्स चाहे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2019 6:22 AM

बच्चे तिरंगा लिये शहीद अमर रहें के लगा रहे थे नारे

भागलपुर : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद सीआरपीएफ जवान रतन कुमार ठाकुर को उनके गांव रतनपुर का हर शख्स अंतिम दर्शन को बेताब था.

अमडंडा थाना क्षेत्र के मदारगंज पंचायत के रतनपुर गांव में शनिवार की सुबह से ही गांव का हर शख्स चाहे वह 80 साल का बुजुर्ग हो या पांच साल का बच्चा अपने लाल, अपने भाई शहीद रतन को देखना चाहता था. जिस सड़क से गांव का रास्ता जाता था, उस गांव के चाैराहे पर तोरणद्वार लगाया गया था.
बीच सड़क पर शहीद रतन कुमार ठाकुर अमर रहे लिखा था. शहीद रतन को देखने के लिए इतनी भीड़ थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही थी. सड़क व गांव की गलियां व छत तक भीड़ थी. सड़क किनारे के स्कूल के बाहर बच्चे-बच्चियां हाथ में तिरंगा लिये शहीद रतन अमर रहे, तो पाकिस्तान के खिलाफ नारा लगा रहे थे.
गांव के हर कोने में देशभक्ति गीत बज रहे थे, तो सबों के हाथ में था तिरंगा. जैसी ही पार्थिव शरीर पहुंचा, शहीद रतन अमर रहे के नारे से गूंज उठा गांव कहलगांव एनटीपीसी परिसर में हेलीकॉप्टर उतारने के बाद शहीद रतन के पार्थिव शरीर को गांव लाया गया. उस गाड़ी के साथ गाड़ियों का काफिला था. जिलाधिकारी, एसएसपी सहित कई आला अधिकारीशामिल थे.
सुबह से ही कर रहें थे इंतजार
बजे िदन में शहीद रतन का पार्थिव शरीर एनटीपीसी कहलगांव परिसर में बने हेलिपैड पर उतारा गया. इससे पहले शहीद के गांव जानेवाले रास्ते पर मध्य विद्यालय त्रिमुहान के 300 से अधिक बच्चे सुबह से ही सड़क पर कतार में खड़े होकर शहीद के दर्शन के लिये खड़े थे. मंत्री गिरिराज सिंह, राम नारायण मंडल रतनपुर पहुंचे. शहीद की पत्नी, पिता और परिजनों से मिले, सांत्वना दी.
रुपये का चेक एलआइसी के द्वारा शहीद की पत्नी राजनंदनी कुमारी को दिया गया. रतन ने एलआइसी के गोड्डा ब्रांच में 2013 में एक-एक लाख की दो पॉलिसी करायी थी. चेक देने गोड्डा ब्रांच मैनेजर विनोद कुमार, भागलपुर के डिविजनल मैनेजर पीबी ठाकुर, प्रशासनिक पदाधिकारी पीके सिन्हा आये. अधिकारी बिना कागजी औपचारिकता के चेक देने पहुंचे.
पूरा गांव शोक में था
अराजनंदनी से हमेशा के लिये बिछ गया रतन. पूरा गांव शोक में था, तो राजनंदनी घर के कोने में गुमशुम सी बैठी थी. महिलाएं उन्हें ढाढस बंधा रही थीं. तीन साल के बेटे कृष्णा को यह समझ में नहीं आ रहा था कि हर समय लाड़-दुलार करनेवाली मां चुप क्यों है. आखिर में वह खुद से उठा, प्लास्टिक के ग्लास में पानी लिया और मां को पिलाने पहुंच गया. मां, पानी पी लो न !

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