VIDEO में देखिए, भागलपुर बांध टूटने के बाद पप्पू यादव ने पूछा बिहार सरकार और लालू यादव से बड़ा प्रश्न

पटना : बिहार में जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद पप्पू यादव ने भागलपुर में बांध टूटने के बाद वहां का दौरा किया. पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर संदेश लिखकर कहा कि वह यहां एनटीपीसी के मानसरोवर गेस्ट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद ध्वस्त हुए बांध का निरीक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2017 12:39 PM

पटना : बिहार में जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद पप्पू यादव ने भागलपुर में बांध टूटने के बाद वहां का दौरा किया. पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर संदेश लिखकर कहा कि वह यहां एनटीपीसी के मानसरोवर गेस्ट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद ध्वस्त हुए बांध का निरीक्षण करेंगे. पप्पू ने कहा कि इससे प्रभावित हुए परिवारों से मुलाकात करने के बाद भागलपुर से सुपौल के लिए प्रस्थान करेंगे. पप्पू यादव ने फेसबुक लाइव के जरिये लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में देश की पहली घटना भागलपुर कहलगांव बांधकीहै, जो शुरुआती दौर में तेरह करोड़ की लागत से शुरू हुई. जबइसकीशुरुआत हुई तो सत्ता में बड़े भाईयानीलालू यादव थे, जब आठ सौ करोड़कायह बांध तैयार हुआ, तोसत्तामें छोटे भाई थे.

पप्पूने कहा कि इस प्रदेश में सबसे बड़ा घोटाला होगा, एस्टिमेट घोटाला, बांध घोटाला, बाढ़ घोटाला. इससे बड़ा घोटाला नहीं हो सकता है. 10 करोड़ लोग यहां बाढ़ से प्रभावित हैं.जबकि एक करोड़ सुखाड़ से. उन्होंने कहा कि इतने लोगों की जिंदगी नासूर बनाने में किसका हाथ है. उन्होंने कहा कि यह ईश्वर की देन नहीं है. यह आम आदमी का देन भी नहीं है. पप्पू यादव ने कहा कि यह राजनीतिक नेता, पदाधिकारी, माफिया और दलालों का महागठजोड़ की देन है. सभी तरह के विभागों में जांच तो हो सकती है, लेकिन नदी बाढ़ एक ऐसा कार्य है, जहां हम लाखों करोड़ों का पत्थर नदी में गिरा दें. बांध बांध दे. जैसे मनरेगा, बाढ़ में बह गया, बाद में कह देंगे बह गया.



गरीबों के नाम पर जनप्रतिनिधि और निचले तबके के पदाधिकारी लूट रहे हैं. आजादी के बाद हमारे पास जब दूसरा संसाधन नहीं था तो जंगल और नदी से बड़े लोग धनसंग्रह करते थे. लेकिन लोगों ने नदियों और जंगल को धन के लिए इस्तेमाल किया.पप्पूयादव ने लालू और नीतीश के साथ बिहार सरकार से बड़ा सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि 200 करोड़ गंडक का काम शुरू हुआ था. आज वह पांच सौ करोड़ का टेंडर है. 220 बीस करोड़ में काम होने वाला है और पांच सौ करोड़ का कैसे हो गया. एमपी, एमएलए, अधिकारीऔर पदाधिकारी सब मिलकर लोगों को लूट रहे हैं.

गौरतलब हो कि इस नहर का निर्माण 1985-88 के बीच किया गया था. बिहार और झारखंड के एक बडे कृषि भू भाग को सिंचित किए जाने की भागलपुर जिले के बटेश्वरस्थान में गंगा नदी पर 389.31 करोड़ रुपये की लागत वाली गंगा नदी पंप नहर परियोजना के जरिये भागलपुर में 18620 हेक्टयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी. इस परियोजना द्वारा 27603 हेक्टयर भूमि को सिंचित किया जा सकता है जिसमें से 22816 हेक्टयर बिहार एवं 4887 हेक्टयर झारखंड के भूखंड शामिल हैं. इस परियोजना के बांध के टूटने पर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू के बागी नेता शरद यादव ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इसे भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत बताया था.

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