profilePicture

भाजपा सरकार जातीय गणना को समयबद्ध और सुनियोजित तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध : नीरज

केंद्र सरकार के द्वारा देशभर जातिगत जनगणना कराये जाने के ऐतिहासिक फैसले पर बेगूसराय में एनडीए की प्रेस वार्ता आयोजित की गयी.

By AMLESH PRASAD | May 2, 2025 10:51 PM
an image

बेगूसराय. केंद्र सरकार के द्वारा देशभर जातिगत जनगणना कराये जाने के ऐतिहासिक फैसले पर बेगूसराय में एनडीए की प्रेस वार्ता आयोजित की गयी. जिसकी अध्यक्षता जदयू जिलाध्यक्ष रूदल राय ने की एवं संचालन भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार वर्मा ने किया. मौके पर विधायक कुंदन कुमार, प्रदेश से आये एनडीए के प्रवक्ता जदयू से परिमल कुमार, भाजपा से प्रवक्ता नीरज कुमार, राष्ट्रीय लोकमोर्चा से राहुल कुमार, प्रदेश जदयू मीडिया पैनलिस्ट डॉ मधुरेंद्र पांडेय, लोजपा रामबिलास के जिलाध्यक्ष प्रेम पासवान, हम के जिलाध्यक्ष पीयूष कुमार, राष्ट्रीय लोकमोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस मौके पर भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्धता भाजपा सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है. जातीय गणना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से पिछड़े और वंचित समुदायों के लिए लक्षित कल्याणकारी योजनाओं को और प्रभावी बनाना है. पारदर्शी और विश्वसनीय प्रक्रिया: केंद्र सरकार ने जातीय गणना को अगली जनगणना में शामिल करने का निर्णय लिया है, ताकि यह प्रक्रिया पारदर्शी, व्यवस्थित और विश्वसनीय हो. कुछ विपक्षी शासित राज्यों द्वारा की गई जाति सर्वेक्षणों की गैर-पारदर्शिता को देखते हुए यह कदम आवश्यक था. कल्याणकारी योजनाओं के लिए डेटा: जातीय गणना से प्राप्त आंकड़े सरकार को सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करने और पिछड़े समुदायों के लिए सटीक योजनाएं बनाने में मदद करेंगे. यह डेटा संसाधनों के उचित आवंटन और नीति निर्माण में सहायक होगा. हिंदू एकता को मजबूत करने की दिशा भाजपा का मानना है कि जातीय गणना का उपयोग समाज को विभाजित करने के लिए नहीं, बल्कि हिंदू समुदाय की व्यापक एकता को मजबूत करने के लिए होना चाहिए. यह कदम उन ताकतों को रोकने में मदद करेगा जो जातिगत आधार पर समाज को बांटने का प्रयास करती हैं. विपक्ष की राजनीति का जवाब विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, ने जातीय गणना को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. भाजपा ने इस मुद्दे पर पहल करके विपक्ष के इस नैरेटिव को कमजोर किया है, जिससे यह साफ है कि हम सामाजिक न्याय के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं. ऊपरी जातियों का समर्थन सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि ऊपरी जातियों का समर्थन भी बना रहे. जातीय गणना से कोई भी समुदाय उपेक्षित नहीं होगा।प्रधानमंत्री का नेतृत्व: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो स्वयं ओबीसी समुदाय से हैं, ने इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनका नेतृत्व यह सुनिश्चित करता है कि जातीय गणना सामाजिक समावेश और विकास के लिए होगी, न कि राजनीतिक लाभ के लिए. बिहार में पहले से समर्थन: बिहार में भाजपा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में जाति सर्वेक्षण का समर्थन किया था. यह दिखाता है कि पार्टी इस मुद्दे पर लगातार और विचारशील दृष्टिकोण अपनाती है.

यह निर्णय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद लिया गया है, जो इस बात पर जोर देता है कि जातीय गणना का उपयोग केवल कल्याण के लिए होना चाहिए, न कि राजनीतिक हथियार के रूप में समयबद्ध और सुनियोजित कार्यान्वयन भाजपा सरकार जातीय गणना को समयबद्ध और सुनियोजित तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम विपक्ष से इस प्रक्रिया में रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा करते हैं, ताकि यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बन सके. स्थानीय नेताओं में जदयू जिला प्रवक्ता अरुण कुमार महतो, भाजपा नेता कुंदन भारती, सुमित सन्नी, सौरभ कुमार, जदयू मीडिया सेल अध्यक्ष मोनू पटेल, जदयू महिला जिलाध्यक्ष लक्ष्मी देवी, युवा अध्यक्ष पंकज राय, अनुसूचित जिलाध्यक्ष उमेश सदा, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष मो सरफराज आलम, जदयू नेता संजय सिंह, प्रदेश युवा महासचिव मुन्ना महतो व कुमार सौरभ, चौधरी अफजल, राजेंद्र महतो लोजपा के न्यूटन कुमार, उमेश पासवान, सुमित कुमार, राष्ट्रीय लोकमोर्चा के विपिन कुमार सिंह, देवनारायण ठाकुर, हम के साथी मो औजैर उपस्थित रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version