मधुसूदन मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय झूलन उत्सव का हुआ समापन
पांच दिवसीय झूलन उत्सव में तीन दिनों तक भगवान को ऊपरी तल के मंदिर में झूला झुलाने का काम किया गया.
बौंसी. मधुसूदन मंदिर में चल रहे झूलन उत्सव का शनिवार की रात को समापन हो गया. मालूम हो कि पांच दिवसीय झूलन उत्सव में तीन दिनों तक भगवान को ऊपरी तल के मंदिर में झूला झुलाने का काम किया गया. जबकि दो दिनों तक भगवान मधुसूदन को मंदिर के नीचे बने कमरे में झूले पर बैठाकर झूलन उत्सव मनाया गया. इस दौरान मंदिर परिसर के साथ-साथ भगवान के झूले को आकर्षक ढंग से कृत्रिम और प्राकृतिक फूलों से सजाया गया था. मंदिर परिसर के साथ-साथ बाहरी हिस्से को रंगीन बिजली के झालरों से सजाया गया. सुबह में भगवान का पंचामृत स्नान कर कर उन्हें पारंपरिक नये वस्त्र पहनाये गए और उन्हें विभिन्न पकवान का भोग लगाया गया. मालूम हो कि भगवान मधुसूदन मंदिर में पांच दिनों से चल रहे झूलन उत्सव का शनिवार को समापन हुआ. अंतिम दिन सावन पूर्णिमा के मौके पर मधुसूदन मंदिर में आयोजित झूलन उत्सव में शामिल होने के लिए काफी संख्या में आस्थावान श्रद्धालु पहुंचे और इस उत्सव का आनंद उठाया. इस दृश्य को देखने के लिए मंदार क्षेत्र सहित आसपास के इलाकों और झारखंड के समीप वर्ती इलाकों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए थे. इस मौके पर मंदिर परिसर में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया. श्रद्धालुओं के साथ-साथ आसपास के इलाकों से पहुंचे लोगों ने देर रात तक मंदिर परिसर में भजन कीर्तन का आनंद उठाया.
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