कद्दू-भात के साथ आज से चार दिवसीय छठ महापर्व का आगाज, तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे श्रद्धालु

विधानसभा चुनाव के बीच लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा का वातावरण शुरू हो चुका है.

By SHUBHASH BAIDYA | October 24, 2025 7:39 PM

चंदन कुमार, बांका. विधानसभा चुनाव के बीच लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा का वातावरण शुरू हो चुका है. आज यानी शनिवार को नहाय खाय (कद्दू-भात) के साथ ही चार दिवसीय महापर्व का अनुष्ठान आरंभ हो जायेगा. इसके पूर्व श्रद्धालु व छठ व्रती गंगा सहित जिले की प्रमुख नदियों में डुबकी लगाकर पवित्र हो रहे हैं. साथ ही छठ व्रत को लेकर पूजन सामग्री की खरीदारी भी करना शुरू कर दिये है. वहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-बड़े सभी घाटों की साफ-सफाई को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. शांतिपूर्ण छठ पर्व संपन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन काफी मुस्तैद दिख रही है. छठ पर्व पर पूजन सामग्री को लेकर शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाजार सज गया है. पर्व को सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए इन दिनों गांव व शहर के गली मोहल्ले में छठ गीतों की धूम मची हुई है. मोबाइल, टीवी, ऑडियो के जरिये हर जगह तरह-तरह के छठ गीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो चुका है. हिंदू धर्म में छठ पूजा का है विशेष महत्व बौंसी गुरुधाम के पंडित गोपाल शरण ने बताया कि हिंदू धर्म में यह पर्व चार दिनों तक चलता है. पंचाग के अनुसार, छठ पूजा का यह पावन पर्व हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है. यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए व्रती इस व्रत को रखते है. व्रत रखने वाले लोग 24 घंटों से अधिक समय तक निर्जला उपवास रखते हैं. यह पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ देने के बाद संपन्न होता है. 50 से 100 रुपये तक बिका कद्दू शनिवार को कद्दू-भात के साथ ही छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो गया. बाजार में 50 से 100 रुपये तक कद्दू की बिक्री हो रही है. कद्दू भात के साथ शुरू होने वाले इस महापर्व के दूसरे दिन खरना की भी तैयारी शुरू कर दी गयी है. छठव्रती व श्रद्धालुओं ने गेहूं सहित अन्य सामग्रियों की साफ-सफाई कर खरना की तैयारी प्रारंभ कर दी है. खरीदारी को लेकर उमड़ने लगी भीड़ छठ पर्व को लेकर बाजार में पूजन सामग्री की भारी संख्या में दुकान लग चुकी है. शहरी क्षेत्र के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार छठ पूजन सामग्री से पट चुका है. बाजार में सूप, नारियल, डाला, टाभ नींबू, फल, पूजन सामग्री की खरीदारी खूब हो रही है. खरीदारी को लेकर बाजार में सुबह से देर शाम तक भीड़ जुटने लगी है. लोग महंगाई को देखते हुए भी अपनी आवश्यकता के अनुसार सामान की खरीदारी कर रहे है. छठ पर्व के दौरान सूर्योदय व सूर्यास्त का समय पंचाग के अनुसार, नहाय खाय के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 27 मिनट व सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा. खरना के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 34 मिनट व सूर्यास्त शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा. छठ पूजा के दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 29 मिनट व सूर्यास्त शाम 05 बजकर 39 मिनट होगा. व्रत पारण दिवस के दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 29 मिनट और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 38 मिनट होगा. हर घर में गूंज रही है शारदा सिन्हा की आवाज छठ के आते ही शारदा सिन्हा का ‘हो दीनानाथ’ गीत फिर से वायरल होने लगा है. उनके गीतों में जो मिठास और अपनापन है, वह सीधे दिल को छू जाता है. इस गीत में छठ की तैयारी, घाट की सजावट, गीत गा रही महिलाएं और सूर्य की आराधना का पूरा दृश्य बहुत सुंदर ढंग से दिखाया गया है. प्रत्येक साल छठ आते ही यह गीत जैसे फिर से नया हो जाता है और लोगों के मन में वही पुरानी श्रद्धा जगा देता है. शारदा सिन्हा न सिर्फ छठ गीतों की रानी थी, बल्कि उन्होंने बिहार और पूर्वांचल की लोकसंस्कृति को भी जिंदा रखा. उनके गीतों में गांव की खुशबू, मिट्टी की सादगी और भक्ति की गहराई मिलती है. उनकी आवाज में जो लगाव है, वो आज भी लोगों के कानों में गूंजती है. इस बार भी छठ का त्योहार उनके गीतों से सजने लगा है. चार दिवसीय छठ पूजा समय 25 अक्तूबर शनिवार- नहाय-खाय 26 अक्तूबर रविवार- खरना 27 अक्तूबर सोमवार- संध्या अर्घ 28 अक्तूबर मंगलवार- उगते सूर्य को अर्घ व पारण के साथ छठ पर्व का समापन

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