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मुख्य पार्षद उपचुनावः तीन दिन गुजर जाने के बावजूद नहीं हुआ एक भी नामांकन

नगर परिषद बांका मुख्य पार्षद उपचुनाव की अधिसूचना जारी हुए सप्ताह भर से अधिक समय गुजर गया है, परंतु अबतक चुनावी रफ्तार नहीं पकड़ पायी है.

By SHUBHASH BAIDYA | May 30, 2025 7:49 PM
मुख्य पार्षद उपचुनावः तीन दिन गुजर जाने के बावजूद नहीं हुआ एक भी नामांकन

बांका. नगर परिषद बांका मुख्य पार्षद उपचुनाव की अधिसूचना जारी हुए सप्ताह भर से अधिक समय गुजर गया है, परंतु अबतक चुनावी रफ्तार नहीं पकड़ पायी है. उम्मीद की जा रही है कि नामांकन पत्र दाखिल करने और उम्मीदवार के मैदान में उतर जाने के बाद सियासी सरगर्मी में वृद्धि दिख सकती है. राज्य निर्वाचन आयोग व जिला प्रशासन ने 28 मई से छह जून तक नामांकन पत्र दाखिल करने की समय-सीमा निर्धारित किया है. नामांकन की तिथि में तीन दिन बीत जाने के बावजूद अबतक एक भी प्रत्याशी ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत नहीं किया है. यद्यपि, होल्डिंग टैक्स जमा कराने के साथ पांच-पांच संभावित उम्मीदवारों ने नामांकन के लिए एनआर जरूर कटा लिया है. कुछ दावेदारों की माने तो वह शुभ संयोग और मुहूर्त के इंतजार में हैं, जैसे ही उत्तम समय आयेगा वह अपना नामांकन पर्चा दाखिल कर सकते हैं. संभावना है कि नये महीने में नामांकन दाखिल होना प्रारंभ हो जाय.

इन्होंने कटाया है एनआर

शुक्रवार को बालमुकुंद सिन्हा, अजय कुमार व मनीष कुमार ने नामांकन दाखिल करने से पूर्व एनआर कटा लिया है. इससे पहले पूर्व सभापति संतोष कुमार सिंह और अभिषेक गौरव में ने भी एनआर कटाया था. अबतक कुल पांच अभ्यर्थियों ने नामांकन से पहले एनआर कटा लिया है. इनकी उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही है. हालांकि, उम्मीदवारों की सूची में कुछ और नाम जुड़ने के संकेत नजर आ रहे हैं. विगत चुनाव में प्रत्याशी रहे कुणाल सिंह, रितेश चौधरी, गुड्डू यादव सहित अन्य ने अबतक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. चर्चा की मानें तो उपचुनाव कई पुराने प्रत्याशी आर्थिक जोखिम उठाना नहीं लेना चाह रहे हैं, इसलिए वह चुनाव से दूरी बनाये हुए है.

कोर्ट के निर्णय पर टिकी है नजर

विगत चुनाव में विजयी रहे अनिल कुमार सिंह की ओर से भी अबतक उपचुनाव के प्रति रुख साफ नहीं हुआ है. चर्चा है कि उनका पूरा ध्यान अभी हाई कोर्ट पर है. राज्य निर्वाचन आयोग से होल्डिंग टैक्स मामले में पद मुक्त होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अर्जी दी थी. बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले इसकी सुनवाई हो सकती है.

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