प्रसव के दौरान महिला की हालत बिगड़ी, रेफर के बाद रास्ते में मौत

परिजनों ने अस्पताल में काटा बवाल, भागा डॉक्टर

By SUJIT KUMAR | August 6, 2025 6:01 PM

मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में काटा बवाल, भागा डॉक्टर

रतनपुर की महिला को कराया गया था अस्पताल में भर्ती ओबरा. ओबरा थाना क्षेत्र के खरांटी के समीप एक निजी हॉस्पिटल में जमकर बवाल हुआ. मामला बिगड़ते देख हॉस्पिटल के डॉक्टर और कर्मचारी वहां से फरार हो गये. यह बवाल एक प्रसूता की मौत के बाद हुआ. जानकारी के अनुसार, खुदवां थाना क्षेत्र के मरवतपुर निवासी रविरंजन कुमार की 25 वर्षीय पत्नी रूबी कुमारी प्रसव पीड़ा से ग्रसित थी. उसे उक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान महिला की हालत बिगड़ गयी, जिसके बाद वहां के डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया. किसी अस्पताल में जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी है. इधर, मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने उक्त अस्पताल में जमकर बवाल किया. लोगों ने कहा है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण महिला की मौत हुई है. परिजनों ने बताया कि मंगलवार को लगभग तीन बजे प्रवस के लिए रूबी को अस्पताल लाया गया था. इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चा को सुरक्षित ऑपरेशन कर निकालने की बात कही. इसके बाद 8:15 पर महिला का ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद बच्चे को सुरक्षित निकाला गया. लगभग 2:30 बजे महिला की स्थिति बिगड़ने लगी. आनन- फानन में डॉक्टर ने उसे पटना रेफर कर दिया. कहा कि खून की जरूरत है. परिजन उसे एंबुलेंस से पटना लेकर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर को पहले खून जांच करना चाहिये था. तभी ऑपरेशन करना चाहिए था. डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा है कि उसकी मौत हुई. इधर, घटना की सूचना पर थानाध्यक्ष नीतीश कुमार, अपर थानाध्यक्ष कुणाल कुमार दल-बल के साथ पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया.

अरविंद अस्पताल में पहले भी हो चुकी है इस तरह की घटना

ज्ञात हो कि उक्त हॉस्पिटल में हंगामे की घटना पहली बार नहीं है. पहले भी एक महिला को प्रसव की दौरान खून की कमी बताते हुए रेफर किया गया था. उसकी भी मौत रास्ते में ही हो गई थी. उक्त डॉक्टर की पहुंच की वजह से मामला आगे नहीं बढ़ पाया. हर घटना के बाद पुलिस पहुंचती है, लेकिन डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती. पिछले मामले में उक्त डॉक्टर ने ही हंगामा कर रहे परिजनों पर केस कर दिया था.

सीएचसी के आस पास चल रहा अवैध कारोबार

यह हॉस्पिटल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है. इसको लेकर भी लोगों में खासा आक्रोश है कि सरकारी अस्पताल से कुछ ही दूरी पर धड़ल्ले से इस तरह का कारोबार चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रही है. ओबरा में एक-दो नहीं बल्कि कई अवैध क्लिनिक चल रहे है. अवैध पैथोलॉजी का भी धंधा चल रहा है. बिचौलिये आम आदमी के स्वास्थ्य पर हावी है. गरीब व्यक्ति परिवार को खोने के बाद पुलिस और कचहरी का चक्कर लगाने से परहेज करता है. बहुत से लोगों को चंद पैसे देकर मैनेज करने पर मजबूर कर दिया जाता है. पुलिस को जब तक आवेदन प्राप्त नहीं होगा, कार्रवाई नहीं करेगी. इधर, थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी होने के बाद वे पहुंचे और परिजनों से पूछताछ की. परिजनों ने पोस्टमार्टम से इंकार किया है. आवेदन भी प्राप्त नहीं हुआ है. आवेदन प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. वही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि अवैध नर्सिंग होम व अवैध पैथोलॉजी की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.

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