नौ अगस्त को बहनें बांधेंगी भाइयों की कलाई पर राखी, बाजार में रौनक
भद्रा का साया नहीं, रक्षाबंधन होगा खास
भद्रा का साया नहीं, रक्षाबंधन होगा खास
ओबरा. हर साल की तरह इस बार भी रक्षाबंधन की तैयारी जोर-शोर से चल रही हैं. बाजार रंग-बिरंगी राखियों, मिठाइयों व उपहारों से सजे हुए हैं. ज्योतिषाचार्य आचार्य नारायण जी बताते हैं कि इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व नौ अगस्त यानी शनिवार को मनाया जायेगा. यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं. आचार्य नारायण जी के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का कोई अशुभ प्रभाव नहीं होगा, जो इस पर्व को और भी शुभ और आनंदमय बनायेगा. पिछले कुछ वर्षों में भद्रा के कारण राखी बांधने का समय प्रभावित होता था, लेकिन इस बार भद्रा का समापन नौ अगस्त को सूर्योदय से पहले हो जायेगा. इस कारण भाई-बहन पूरे उत्साह और प्रेम के साथ इस त्योहार को मना सकेंगे.रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
श्रावण पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त यानी शुक्रवार की दोपहर 1:40 बजे शुरू होगी और नौ अगस्त शनिवार की दोपहर 1:23 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के आधार पर रक्षाबंधन नौ अगस्त को मनाया जायेगा. राखी बांधने का समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:23 बजे तक होगा. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:22 बजे से 5:04 बजे तक व अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:36 बजे से 12:24 बजे तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त को राखी बांधने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है. आचार्य नारायण जी बताते हैं कि इस दिन ब्राह्मण अपने यजमानों को रक्षासूत्र बांधकर उचित दक्षिणा प्राप्त करते हैं. यह परंपरा भी रक्षाबंधन के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है. रक्षासूत्र को बांधते समय मंत्रों का उच्चारण और पूजा-अर्चना से यह पर्व और भी पवित्र हो जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
