सड़क पर गिरे रुपये की हिस्सेदारी में बढ़ा विवाद, मामला पहुंचा थाना
जलजमाव को पार करते वक्त सब्जी व्यवसायी का गिरा था रुपया
जलजमाव को पार करते वक्त सब्जी व्यवसायी का गिरा था रुपया हसपुरा. रास्ते में गिरे हजारों रुपये के मिलने के बाद युवक और ठेला चालक के बीच विवाद हो गया़ तू-तू मैं-मैं होते–होते मामला थाने तक पहुंच गया. हालांकि उक्त पैसा दोनों में किसी के हाथ नहीं लगा. जिसका पैसा गिरा था वह भी इस मामले में शामिल हो गया. हुआ यह कि हसपुरा के एक सब्जी दुकानदार का 90 हजार रुपया रास्ते में कहीं गिर गया. उसके पीछे से आ रहे ठेला चालक ने रुपये का बंडल उठा लिया. रुपये उठाते हुए एक युवक ने देख लिया. इसके बाद युवक और ठेले चालक में हिस्सेदारी को लेकर उलझ गये़ ठेला चालक ने 50 हजार रुपये मिलने की बात कबुल की, जिसे हसपुरा थाने में जमा कर दिया गया है. इधर गिरे रुपये को खोजने के लिए सब्जी दुकानदार इधर-उधर दौड़ लगा रहा है. जानकारी मिली कि सोमवार की दोपहर सब्जी दुकानदार अशोक मेहता सब्जी का पैसा कलेक्शन कर एस जलजा मार्केट के रास्ते घर जा रहा था. रास्ते में घुटने तक पानी जमा रहने के कारण अपना पैंट ऊपर उठाया तो जेब से रुपये का बंडल पानी में गिर गया. तभी ठीक पीछे अपना ठेला लेकर आ रहे हसपुरा डीह निवासी अयोध्या राजवंशी ने रुपये का बंडल उठा लिया. इस क्रम में हसपुरा डीह निवासी मो शाहिद एकबाल रुपये उठाते उसे देख लिया. शाहिद एकबाल उससे रुपये में हिस्सेदारी मांगने लगा, लेकिन अयोध्या राजवंशी ने हिस्सेदारी देने से मना कर दिया. इससे चिढ़कर शाहिद एकबाल ने डायल 112 की टीम को बुला लिया. 112 की टीम ने उसकी सूचना हसपुरा थाना को दी. हसपुरा पुलिस के आने के बाद उसने रुपये का दो बंडल पुलिस को दिया. एक बंडल में 500 रुपये का 76 नोट दूसरे बंडल में 200 का 60 नोट यानी कुल 50 हजार रुपये थे. हसपुरा थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने बरामद पैसे का वीडियो साक्ष्य तैयार करते हुए, जब्ती सूची बनाते हुए रुपयों को थाना के मालखाना में जमा कर दिया. इधर, जब अशोक मेहता को इसकी जानकारी मिली तो वह थाना पहुंचा और बताया कि पैसा उसका है. उसके पैकेट से कुल 90 हजार रुपये गिरे थे. उससे रुपये का ब्यौरा मांगा गया, तो नोटों के प्रकार और संख्या बताया जो बरामद नोट से मेल खा रहे थे, लेकिन 40 हजार रुपये कहां गये यह अभी भी पहेली बन गयी. अशोक ने हसपुरा थानाध्यक्ष से रुपये मांगी. थानाध्यक्ष ने उसे सलाह दिया की लिखित रूप से अपनी दावेदारी पेश करे. न्यायालय से आदेश मिलने पर रुपये वापस किये जायेंगे, लेकिन अशोक ने अभी तक लिखित दावेदारी पेश नहीं की.
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