Aurangabad News : बेमौसम बारिश से रबी फसल की हो रही क्षति
Aurangabad News: प्रकृति की बेरूखी से किसानो और पशुपालकों को रबी फसल में भारी क्षति होने की चिंता सताने लगी
औरंगाबाद/कुटुंबा.
पश्चिमी विक्षोभ तूफान व चक्रवाती परिसंचरण के सक्रिय होने से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बरसात जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. इधर दो-तीन दिनो से पूरा आसमान बादलों से ढंका रह रहा है. इस बीच थम-थम कर बारिश हो रही है. प्रकृति की बेरूखी से किसानो और पशुपालकों को रबी फसल में भारी क्षति होने की चिंता सताने लगी है. बुधवार की देर रात से ही छिटपुट बारिश जारी है. किसानों के खेत में गेहूं और चना का फसल पक्ककर तैयार है.मसूर, सरसों, खेसारी व मटर फसल की कटनी चल रही थी. इसी बीच मौसम का रंग बदरंग हो गया है. बारिश से फसलों की कटनी का काम बंद हो गया है. कटाई के बाद किसानों के खलिहान में रखे गये तेलहनी व दलहनी फसल बर्बाद हो रही है. खेतिहरों की बात माने तो जो फसल पककर पूरी तरह तैयार है, अधिक बारिश होने पर दाने काले पड़ सकते हैं. केवीके सहरसा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ नित्यानंद ने बताया कि बेमौसम बारिश से पिछात की बुआई की गई चना और मसूर की हरी फसल में लगे दाने का विकास रुक सकता है और फूल झड़ सकते हैं.वैसे अधिकांश क्षेत्र में मसूर और चने में फल लग गया है. अब तक इनमें ज्यादा नुकसान नहीं है. बारिश अधिक होने की स्थिति में फसल की बर्बादी हो सकती है. यहीं नहीं तैयार फसल की कटाई में विलंब हो सकता है. उन्होंने बताया कि यदि गेहूं की फसल में बालियां निकल रही है तो तेज हवा के झोकें से दाने खराब हो सकते हैं. गेहूं की जिस फसल में बालियां निकलकर दाने बन गये हैं उसमें बालियां भीगकर हवा के कारण गिर सकता है. इससे उत्पादन पर भी असर पड़ेगा. उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश से आम नींबू व महुंआ के परागन गंदे होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में पौधे से फल स्वतः झरने लगता है. इधर स्थानीय रामपुर गांव के किसान रामचंद्र सिंह, रसलपुर के शिवनाथ पांडेय आदि ने बताया कि उनका चना, मसूर, सरसों आदि की फसल तैयार है.मसूर की कटनी करा चुके हैं, पर बारिश के चलते चना और सरसों की कटनी बाधित हो गई है.बारिश से सभी तरह का कृषि कार्य अवरुद्ध हो है.उन्होंने बताया कि इस दौरान दुधारू पशुओ के रखरखाव में काफी दिक्कत हो रही है.अब किसान बेसब्री से मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं.नवीनगर व कुटुंबा में हुई अधिक बारिश
अनुमंडल सांख्यिकी पदाधिकारी ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार से लेकर शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक चक्रवाती परिसंचरण के दौरान नवीनगर में सबसे अधिक 9.4 और कुटुंबा में 6.2 एमएम बारिश हुई है.इसी तरह से देव में 4.2 एमएम,सदर प्रखंड में 2.2 एमएम, रफीगंज में 1.8 तथा ओबरा में 0.6 एमएम बारिश हुई है.उन्होंने बताया कि अन्य प्रखंडो में बारिश का कोई खास रिकार्ड नहीं रहा है.ऐसे में सभी प्रखंडो को मिलाकर 24.4एमएम यानी कुल 2.2एमएम बारिश का औसतन अनुपात दर्ज किया गया है.क्या जानकारी देते है वैज्ञानिक
मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि बारिश से सबसे ज्यादा स्ट्रॉबेरी को नुकसान होने की संभावना है. इस फल में छिलका नहीं होता है सीधा फल बारिश के पानी के संपर्क में आता है.इससे अधिक बारीश या ओलावृष्टि होगी तब फसल ज्यादा नुकसान होगा.उन्होंने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 22 मार्च को सुबह तक ओलावृष्टि का अलर्ट है, और 23 मार्च के सुबह तक बारिश के साथ साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घन्टा के झोंके के साथ तेज हवा चलने की संभावना है. 23 मार्च यानी रविवार की दोपहर से मौसम साफ होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
