चेक बाउंस होना पड़ा महंगा, आरोपित को मिली दो वर्ष की सजा, मूल राशि के साथ ब्याज भी देना होगा

औरंगाबाद: नगर सोमवार को व्यवहार न्यायालय के सब जज प्रथम संतोष कुमार की अदालत ने फर्जी चेक देने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपित सह बारुण थाना क्षेत्र के जनकोप गांवनिवासी अमूल कुमार शर्मा को धारा 406, 420 में दोषी पाते हुए दो साल की सजा और सात लाख रुपये देने का फैसला सुनाया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2020 11:19 AM

औरंगाबाद: नगर सोमवार को व्यवहार न्यायालय के सब जज प्रथम संतोष कुमार की अदालत ने फर्जी चेक देने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपित सह बारुण थाना क्षेत्र के जनकोप गांवनिवासी अमूल कुमार शर्मा को धारा 406, 420 में दोषी पाते हुए दो साल की सजा और सात लाख रुपये देने का फैसला सुनाया है. यह फैसला अभियोग वाद संख्या 855/ 15 में सुनाया गया है.

पूरा मामला यह है कि जनकोप निवासी सतीश कुमार ने अमूल कुमार शर्मा को पैसा दिया था. लेकिन, उसके द्वारा 22 जुलाई, 2015 को 6 लाख 50 हजार का जो चेक दिया गया था, वह फर्जी था. वह जब चेक लेकर वह बैंक गया, तो चेक बाउंस हो गया. उसके बारे में जब बताया गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद वकालतन नोटिस भी भेजा गया. लेकिन, उसके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इसके बाद उन्होंने न्यायालय में परिवाद दायर किया. न्यायालय में चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने दो साल की सजा सुनाते हुए सात लाख रुपये देने का निर्देश दिया.साथ ही दो माह का समय भी दिया हैं, अन्यथा चार रुपये के ब्याज की दर से पैसा का भुगतान करना होगा.

Next Article

Exit mobile version