भागलपुर में बन रहा एशिया का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट, अभी गोड्डा में है सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
भागलपुर: भागलपुर के पीरपैंती इलाके में बन रहा अडानी थर्मल पावर प्लांट एशिया का सबसे बड़ा प्लांट होगा. इसे बनाने के लिए 5 साल का वक्त रखा गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद इससे 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.
भागलपुर में बन रहा पावर प्लांट बिहार या देश का नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है. पीरपैती प्रखंड क्षेत्र में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना पूरा होने के बाद 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा. यह प्लांट पीरपैंती इलाके में सिरमतपुर और आस-पास के गांवों की 479 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा. इसके उत्तर दिशा में गंगा नदी है. दक्षिण में नेशनल हाईवे और पास में ही पीरपैंती रेलवे स्टेशन है. इसे पांच साल में बनाने का लक्ष्य है. अडानी ने इसका टाइमलाइन भी तैयार कर लिया है. फिलहाल गोड्डा में बनी अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना अभी तक एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसकी क्षमता 1600 मेगावाट है.
बन रही चहारदीवारी, लेआउट का काम शुरू
पावर प्लांट एरिया की चहारदीवारी का काम राज्य सरकार करा रही है. इस एरिया का समतलीकरण भी सरकार ही कराएगी, वहीं लेआउट तैयार करने में अडानी कंपनी जुट चुकी है. लगातार कंपनी के पदाधिकारियों व संबंधित टीम का आगमन शुरू हो गया है. चहारदीवारी और लेआउट का काम पूरा होने के बाद प्लॉट निर्माण का काम शुरू हो जायेगा प्लांट एरिया में पुलिस पिकेट भी बनेगा, ताकि निर्माण के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था में कोई खलल नहीं पड़े. इसके लिए अडानी कंपनी के पदाधिकारी भागलपुर के एसएसपी से मुलाकात करके पिकेट की व्यवस्था के लिए अनुरोध कर चुके हैं.
9,400 मैनपावर की जरूरत, निकली वेकेंसी
अडानी पावर लिमिटेड की एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी (थर्मल) ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) तैयार किया है. इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि कुल 9,400 मैनपावर (परमानेंट व कॉन्ट्रैक्चुअल) की जरूरत होगी, कंस्ट्रक्शन फेज में 300 परमानेंट और 7,800 कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मी रहेंगे, जबकि ऑपरेशन फेज में 500 परमानेंट और 1,800 कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मी रहेंगे. अडानी ने लिंक्ड इन पर वेकेंसी भी निकाल दी है. इसमें थर्मल पावर प्लांट में चार से 15 वर्षों के अनुभवी अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किया गया है, जिनका नौ दिसंबर को राजस्थान के जयपुर में इंटरव्यू रखा गया है. सूत्र बताते हैं कि नॉन टेक्निकल पदों के लिए अडानी पावर लिमिटेड अभ्यर्थियों से रिज्यूम जमा लेगा और फिर नियुक्ति करेगा. वहीं अलग-अलग काम करने के लिए जो एजेंसी आयेगी, उनके माध्यम से भी कर्मियों की भर्ती की जाएगी,
प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए काटे जाएंगे 15 हजार पेड़
थर्मल पावर प्लांट एरिया में लगभग 10 से 15 हजार पेड़ काटने की मजबूरी है. हालांकि 124 हेक्टेयर भूमि में देसी प्रजाति के कुल 03.10 लाख पौधे लगाये जायेंगे. इस पर 18 करोड़ की लागत आयेगी.
एयर स्ट्रिप का होगा निर्माण
अडानी कंपनी के पदाधिकारियों के आवागमन के लिए प्लांट एरिया के पास एयर स्ट्रिप का निर्माण होगा. प्लॉट निर्माण के दौरान कंपनी के पदाधिकारियों का प्राइवेट जेट से आना-जाना लगा रहेगा. लेकिन भागलपुर एयरपोर्ट इसके लिए उपयुक्त नहीं होने और जिले में अन्य कोई हवाई सेवा का साधन नहीं होने के कारण प्लांट एरिया के पास ही तत्काल एयर स्ट्रिप बनाया जाएगा, जिसके लिए जिला प्रशासन से जमीन की मांग की गयी है.
प्लांट एरिया में नहीं होगी बोरिंग
प्लांट एरिया में एक भी बोरिंग नहीं होगी, निर्माण के दौरान आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से पानी की आपूर्ति करायी जायेगी. निर्माण के बाद इस प्लांट को 42 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति गंगा नदी से की जायेगी,
पांच साल में तैयार होगा थर्मल पावर प्लांट
पहले साल के समय में प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण और कानूनी मंजूरी, पर्यावरणीय अनुमति प्रोजेक्ट की डिटेल इंजीनियरिंग और डिजाइन के काम को पूरा किया जाएगा.
दूसरे साल में भूमि समतलीकरण, मुख्य प्लांट भवन की नींव डालने, कोयला यार्ड और ऐश डंपिंग क्षेत्र को तैयार करना, गंगा नदी से पानी लाने के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम होगा.
तीसरे साल में बड़े उपकरण लगने शुरू होंगे, बॉयलर, टरबाइन, जनरेटर का फाउंडेशन, कूलिंग टावर और चिमनी का निर्माण होगा, इलेक्ट्रिकल स्विचयार्ड और ट्रांसमिशन लाइन का काम पूरा किया जाएगा.
चौथे साल में टेस्टिंग और पहली यूनिट स्टार्ट, पहली 800 मेगावाट यूनिट का ट्रायल रन और कमर्शियल ऑपरेशन, टाउनशिप और ग्रीन बेल्ट डेवलपमेंट का काम होगा.
पांचवे साल में सभी प्रोजेक्ट चालू बाकी, दो यूनिटों को टेस्ट करना. सभी यूनिट का पूर्ण कमर्शियल ऑपरेशन शुरू, फाइनल परफॉर्मेंस और सीइए प्रमाणीकरण का काम होगा.
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