दादी ने नवजात पोते को 50 हजार में बेचा, तीन सहयोगियों के साथ गिरफ्तार

गड़हनी थाना क्षेत्र के अगिआंव पीएचसी की सात दिसंबर की घटना

By DEVENDRA DUBEY | December 17, 2025 7:33 PM

आरा.

बेटे और बहू के प्रेम विवाह से नाराज एक महिला ने अपने पोते को ही बेच दिया. बहू के प्रसव के तुरंत बाद उसने गांव की एक महिला की नजदीकी के जरिए रोहतास जिले के एक ग्रामीण चिकित्सक को 50 हजार रुपये में पोते का सौदा कर दिया था. मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना गड़हनी थाना क्षेत्र के अगिआंव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सात दिसंबर को हुई. बेचा गया नवजात नारायणपुर थाना क्षेत्र के स्थानीय नारायणपुर गांव के रहनेवाले चितरंजन कुमार का पुत्र है. इस मामले में चितरंजन कुमार की पत्नी खुशबू कुमारी के बयान पर 16 दिसंबर को गड़हनी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. उस आधार पर नारायणपुर और गड़हनी थाने की पुलिस की त्वरित कार्रवाई करते हुए खुशबू कुमारी की सास क्रिंता देवी और उसकी तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है. क्रिंता देवी के पास से नवजात की बिक्री के करीब 49 हजार रुपये भी बरामद किये गये हैं. क्रिंता देवी नारायणपुर गांव निवासी पंकज रवानी की पत्नी है. गिरफ्तार अन्य आरोपितों में नारायणपुर गांव निवासी महेंद्र शर्मा की पत्नी कविता शर्मा और इनकी रिश्तेदार आरा की रहने वाली चांदनी शर्मा के अलावे रोहतास जिले की प्रीति कुमारी शामिल हैं. पुलिस की पूछताछ में सभी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. हालांकि नवजात बरामद नहीं किया जा सका है. उसे खरीदने वाला डॉक्टर अभी पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है. उसे लेकर डाॅक्टर के हर ठिकाने पर छापेमारी भी की गयी. पुलिस के अनुसार चांदनी शर्मा ने पूछताछ में कहा कि कविता देवी उनकी रिश्तेदार हैं. उसी के कहने पर उसके द्वारा रोहतास के दिनारा में क्लिनिक चलाने वाले सूर्यपुरा थाना क्षेत्र के हुंकाडीह गांव निवासी डाॅक्टर दिलीप उर्फ हरिशंकर पंडित और उनकी सहयोगी प्रीति कुमारी से बच्चे को लेकर बातचीत की थी. उसके बाद 50 हजार रुपये में डाॅक्टर दिलीप को बच्चा बेचा गया था.

प्रेम विवाह से नाराज थी सास

थानाध्यक्ष कमलजीत ने बताया कि केस के अनुसंधान और आरोपितों से पूछताछ में यह बात सामने आयी कि चितरंजन कुमार और खुशबू कुमारी रिश्ते के चचेरे भाई-बहन हैं. दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था. उससे चितरंजन कुमार की मां क्रिंता देवी नाराज थी. उसने बेटे-बहू को अलग कराने के लिए खुशबू के बेटे को बेचने की साजिश रची थी. उसके लिए उसने गांव की ही कविता देवी की मदद ली. कविता शर्मा की पहल पर आरा की चांदनी शर्मा द्वारा नवजात को बेचने में मध्यस्थता की गयी थी. नवजात की बरामदगी और उसे खरीदने वाले डाॅक्टर दिलीप की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. पोते को बेचने के बाद बहू को घर में किया कैदबेटे-बहू के प्रेम विवाह से नाराज महिला ने पोते को बेचने के बाद बहू को भी घर में कैद कर दिया, लेकिन करीब पांच रोज बाद बहू खुशबू कुमारी किसी तरह घर से भाग निकली और अपने रिश्तेदार के घर आरा पहुंची. वहां महिला रिश्तेदार की मदद से पुलिस तक पहुंच सकी और मामले का खुलासा हो सका. खुशबू कुमारी की ओर से दर्ज प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख किया गया है. प्राथमिकी के अनुसार खुशबू को बच्चा होने वाला था. उसे लेकर उसकी सास क्रिंता देवी प्रसव कराने के लिए छह दिसंबर को अगिआंव पीएचसी ले गयी थी. सात दिसंबर की सुबह उसका नॉर्मल डिलीवरी हुआ और बेटा हुआ. उसके बाद वह अपनी सास के साथ घर आ गयी. उसी दौरान कविता देवी उसके नवजात बेटे को एक पुरुष और दो महिला के साथ लेकर चली गयी. घर पहुंचने पर खुशबू ने अपनी सास से बेटे के बारे में पूछताछ की, तो बताया कि बच्चे को कविता शर्मा की रिश्तेदार चांदनी शर्मा को दे दिया है. उसके बाद सास द्वारा खुशबू को घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी. रितेश्दार की मदद से पुलिस के पास पहुंची नवजात की मां13 दिसंबर को खुशबू किसी तरह घर से भागकर आरा पहुंची. वहां रिश्तेदार संजू देवी की मदद से कचहरी में काम करने वाली पूनम देवी और फिर एसपी के पास पहुंची. एसपी की पहल पर वह नारायणपुर थाने पहुंची. तब पुलिस की ओर से खुशबू कुमारी की सास क्रिंता देवी और कविता शर्मा को बुला कर पूछताछ शुरू की गयी. उस दौरान नवजात को बेचे जाने की बात सामने आयी. उसके बाद गड़हनी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस द्वारा खुशबू कुमारी की सास क्रिंता देवी, उसकी सहयोगी कविता शर्मा और आरा की चांदनी शर्मा को गिरफ्तार किया गया. चांदनी शर्मा की निशानदेही पर नवजात की बरामदगी को रोहतास जिले के दिनारा स्थित डाॅक्टर दिलीप की क्लिनिक में छापेमारी की गयी. वहां डाक्टर की सहयोगी प्रीति कुमारी को गिरफ्तार किया गया. लेकिन नवजात व डॉक्टर नहीं मिले.

पंजाब रहने के दौरान खुशबू और चितरंजन ने की थी शादीबताया जा रहा है कि खुशबू कुमारी और चितरंजन कुमार का परिवार पहले पंजाब में रहता था. वहीं, पर दोनों में प्यार हो गया था. करीब तीन महीने तक चले प्रेम प्रसंग के बाद दोनों ने इसी साल जनवरी में शादी कर ली थी. उसके बाद दोनों हाजीपुर में आ गए और किराये के मकान में रहने लगे. छठ पर्व के अवसर पर दोनों गांव आये थे.

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