सरकारी विद्यालयों में त्रैमासिक परीक्षा आयोजित
दो घंटे के प्रश्न पत्र को छात्र-छात्राओं ने आधे घंटे में किया हल
पीरो.
सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों की त्रैमासिक परीक्षा सोमवार से विधिवत रूप से शुरू हुई. पहले दिन प्रथम पाली में कक्षा तीन से आठवीं तक सामाजिक विज्ञान की परीक्षा आयोजित की गयी. परीक्षा केवल 25 अंकों की थी, जिसमें काफी आसान सवाल पूछे गये थे. जिसे अधिकांश छात्र-छात्राओं ने पलक झपकते हल कर लिया. कक्षा आठवीं के सामाजिक विज्ञान की परीक्षा में पूछे गये सवाल- अल्पसंख्यक किसे कहते हैं. ने छात्र-छात्राओं को फंसाया. इस प्रश्न में यह स्पष्ट नहीं था कि धार्मिक अल्पसंख्यक या जातीय अल्पसंख्यक या किसी अन्य मामले में अल्पसंख्यक अन्य प्रश्नों में रिक्त स्थानों पूरा करने, सही-गलत का निशान लगाने, मिलान करने वाले प्रश्न थे. वहीं, दो लघु स्तरीय प्रश्न व एक दीर्घ स्तरीय प्रश्न पूछे गये थे. सभी प्रश्न सामान्य स्तर के थे. जिन्हें हल करने में छात्र-छात्राओं को कोई परेशानी नहीं हुई. इन प्रश्नों को हल करने के लिए दो घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन अधिकांश छात्र-छात्राओं ने महज आधे घंटे में सारे प्रश्न हल कर लिये. सातवीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान का प्रश्न पत्र अपेक्षाकृत कुछ कठिन था. गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन में जनसंख्या घनत्व अधिक है. क्यों? इस प्रश्न को हल करने में छात्र-छात्राओं को थोड़ी कठिनाई हुई. मंगलवार को कक्षा तीन से आठवीं तक की हिन्दी व उर्दू की परीक्षा आयोजित की जायेगी. यह परीक्षा 22 दिसंबर तक चलेगी. कन्या मध्य विद्यालय पीरो के प्रधानाध्यापक अभय कुमार सिंह व उत्क्रमित मध्य विद्यालय भुलुकुआं के प्रधानाध्यापक लोकप्रकाश सिंह ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में पहली बार त्रैमासिक परीक्षा आयोजित हो रही है, जो छात्र-छात्राओं के प्रगति के मूल्यांकन के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी. अन्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने भी इस व्यवस्था को छात्र-छात्राओं के हित में सही कदम बताया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
