सपनों संग बह गया उम्मीदों का खेत, धान डूबे, जनभावना भी

सिमराहा क्षेत्र की जनता का सपना इस बार सचमुच पानी में बह गया. मेहनतकश किसानों की तैयार धान की फसल पानी के तेज बहाव में डूब गयी है.

By MRIGENDRA MANI SINGH | October 7, 2025 10:14 PM

सिमराहा. सिमराहा क्षेत्र की जनता का सपना इस बार सचमुच पानी में बह गया. मेहनतकश किसानों की तैयार धान की फसल पानी के तेज बहाव में डूब गयी है. खेतों में हरे-भरे पौधे जो कभी सुनहरी फसल का वादा कर रहे थे, अब कीचड़ में तब्दील हो चुके हैं. किसानों की पूरी सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया, लेकिन अफसोस ना ही जनप्रतिनिधि को फुर्सत है, न प्रशासन को परवाह. जहां एक ओर किसान रात-दिन अपने खेत बचाने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि टिकट कंफर्म करवाने की दौड़ में व्यस्त हैं. बाढ़ पीड़ितों के बीच सरकारी सहायता का कोई नामोनिशान नहीं, राहत सामग्री का वितरण भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है. लोगों का कहना है कि हमारी तकलीफ़ सुनने वाला कोई नहीं है. कुछ दिन पहले चुनाव को लेकर वादों की झड़ी लगाने वाले आज गायब हैं. प्रशासनिक अधिकारी भी सिर्फ दौरा कर चले जाते हैं. जमीनी राहत नजर नहीं आती है. ग्रामीणों का कहना है जब खेत, फसल व उम्मीद सब कुछ बह गया, तो जनता की आवाज़ कब सुनी जायेगी.

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