एईएस व जेई के मरीजों के लिये अस्पतालों में बनाया गया विशेष वार्ड

जिले में एईएस व जेई के संभावित खतरों से निबटने के लिये स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद है. डीएम अनिल कुमार के निर्देश पर रोग नियंत्रण व उपचार संबंधी सभी जरूरी तैयारियाें को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

By MRIGENDRA MANI SINGH | April 15, 2025 7:35 PM

सभी स्वास्थ्य संस्थानों को मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध कराया गया इमरजेंसी ड्रग किट अररिया. जिले में एईएस व जेई के संभावित खतरों से निबटने के लिये स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद है. डीएम अनिल कुमार के निर्देश पर रोग नियंत्रण व उपचार संबंधी सभी जरूरी तैयारियाें को अंतिम रूप दिया जा रहा है. डीएम के निर्देश पर जीविका, आईसीडीएस, शिक्षा सहित संबंधित अन्य विभागों के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर रोग से बचाव व उपचार संबंधी इंतजामों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जानकारी देते जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सभी प्रमुख संस्थानों में एईएस व जेई के मरीजों के लिये विशेष वार्ड बनाये गये हैं. जहां विशेषज्ञ चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. एईएस व जेई के खतरे से निबटने के लिये सभी एएनएम, आशा सहित स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत ईएमटी, एंबुलेंस ड्राइवर को भी इस संबंध में जरूरी प्रशिक्षण दिया गया है. सभी पीएचसी में एईएस व जेई के मरीजों के लिये दो बेड आरक्षित रखे गये हैं. वहीं सदर अस्पताल में 10 बेड व अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में एईएस व जेई मरीजों के समुचित उपचार के लिये 05 बेड क्षमता वाला विशेष वार्ड संचालित है. रोग के कुशल प्रबंधन के उद्देश्य से सभी संस्थानों को एईएस इमरजेंसी ड्रग किट उपलब्ध कराया गया है. इसमें सभी जरूरी दवाओं को शामिल किया गया है. रोग संबंधी गंभीर मामला सामने आने पर उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर करने के लिये नि:शुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराये जाने की जानकारी भी दी. विभिन्न स्तरों पर किया जा रहा लोगों को जागरूक सीएस डॉ केके कश्यप ने बताया कि डीएम से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में जीविका, आईसीडीएस, पशुपालन, शिक्षा सहित संबंधित अन्य विभागों से परस्पर समन्वय स्थापित करते हुए रोग नियंत्रण संबंधी उपायों को प्रभावी बनाने की पहल की जा रही है. आशा व एएनएम के माध्यम से समुदाय स्तर पर रोग से बचाव व इसे नियंत्रित करने संबंधी उपायों के प्रति जागरूकता फैलाया जा रहा है. इसी तरह अन्य विभागों के सहयोग से विभिन्न स्तरों पर लोगों को जागरूक करने की पहल की गयी है.

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