जिले में उच्च प्रजनन दर को नियंत्रित करने के लिए अधिकारी उठाएं जरूरी कदम: डीएम
निजी संस्थानों में प्रसव को प्रोत्साहित करने के मामले में दोषियों पर करें कार्रवाई
अररिया. जिलाधिकारी अनिल कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य संबंधी मामलों की समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, संस्थागत प्रसव, आगामी राष्ट्रीय अभियान पर विस्तृत चर्चा की गयी व इसके सफलता की रणनीति पर विचार किया गया. समीक्षा बैठक में चतुर्थ एएनसी के बाद संस्थागत प्रसव की संख्या अपेक्षाकृत कमी मामले की जांच को लेकर डीएम के निर्देश पर गठित कमेटी के रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की गयी. रिपोर्ट में आशा द्वारा निजी संस्थानों में प्रसव को बढ़ावा दिये जाने व मामले में जिम्मेदार अधिकारी के लापरवाह रवैया पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जतायी. शिशु स्वास्थ्य के मद्देनजर एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) की सेवाओं को और अधिक बच्चों तक पहुंचाने का निर्देश जिलाधिकारी ने अधिकारियों का दिया. उन्होंने कहा कि गंभीर स्थिति में बच्चों को एसएनसीयू लाने व इलाज के बाद वापस घर पहुंचाने के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाये. जिले की प्रजनन दर टीएफआर की भी गहन समीक्षा की गयी. बताया गया कि अररिया में टीएफआर की दर पहले 4.1 थी, जो अब घटकर 3.95 हो गयी है. हालांकि इस मामले में अररिया अभी भी खगड़िया के बाद राज्य में दूसरे स्थान पर है. जिलाधिकारी ने इसे पर चिंता जाहिर करते हुएए इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया. बैठक में आयुष्मान भारत कार्ड निर्माण के कार्य में तेजी लाने व आगामी 17 सितंबर से शुरू होने वाले देशव्यापी ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान की तैयारियों पर भी विशेष जोर दिया गया.
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