मोकामा : एमडीएम बंद, दरवाजे और खिड़कियां ले गये चोर

मोकामा : मोकामा नगर पर्षद में महादेव स्थान स्थित राजकीय लक्ष्मी देवी मध्य विद्यालय की दशा दयनीय है. यहां चार महीने से मध्याह्न भोजन बंद है. वहीं, तीन कमरे को छोड़कर अन्य कमरों के दरवाजे, खिड़कियां व फर्नीचर की चोरी हो गयी है. विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था देखरेख के चलते बदतर हो रही है. यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2019 3:26 AM

मोकामा : मोकामा नगर पर्षद में महादेव स्थान स्थित राजकीय लक्ष्मी देवी मध्य विद्यालय की दशा दयनीय है. यहां चार महीने से मध्याह्न भोजन बंद है. वहीं, तीन कमरे को छोड़कर अन्य कमरों के दरवाजे, खिड़कियां व फर्नीचर की चोरी हो गयी है. विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था देखरेख के चलते बदतर हो रही है. यह विद्यालय तकरीबन दस हजार की घनी आबादी के बीच है. शुक्रवार की दोपरह 11:30 बजे प्रभात खबर टीम इस विद्यालय में पहुंची.

यहां एक वर्ग में एक शिक्षिका ललिता कुमारी व पांचवी तक के दस बच्चे मौजूद थे. विद्यालय के दो अन्य कमरों में ताला लटक रहा था. शिक्षिका ने जानकारी दी कि एक कमरे में विद्यालय का कार्यालय है, जबकि एक अन्य कमरे व बरामदे पर बच्चों की पढ़ाई होती है. पिछले दो दिनों से बच्चों की उपस्थिति घट गयी है. हालांकि, विद्यालय में कमरों की कमी नहीं दिखी. महज देखरेख के अभाव में अन्य तीन कमरों में गंदगी का अंबार लगा था. वहीं दरवाजे, खिड़किया व फर्नीचर गायब थे.

विद्यालय में नामांकित 162 छात्रों में उपस्थिति 50 से 60 के बीच बतायी गयी, लेकिन बच्चों की उपस्थिति बिलकुल ही नगण्य दिखी. यहां फिलहाल छह शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन लापरवाही के आरोप में एक शिक्षिका निलंबित हो गयी है. वहीं, एक अन्य शिक्षिका मैट्रिक परीक्षा में योगदान कर रही हैं.

इधर, स्कूल की प्रभारी आकस्मिक अवकाश पर चली गयी हैं, जबकि एक शिक्षक विभाग की मीटिंग में गये थे. स्थानिय लोगों ने बताया कि विद्यालय में व्यवस्था का अभाव है. इसमें शिक्षा विभाग को ठोस कदम उठाने की जरूरत है. प्रमुख विषयों के शिक्षक नहीं हैं, जिसको लेकर बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया.

क्या कहना है स्कूल के बच्चों का
गणित, संस्कृत व विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं, जिसको लेकर पढ़ने में काफी परेशानी होती है.
नंदनी कुमारी, वर्ग पांच
काफी दिनों से मध्याह्न भोजन बनना बंद हो गया है, जिसको लेकर अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं आते हैं.
कंचन कुमारी, वर्ग तीन
शिक्षक के अभाव में पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती. पांचवीं से ऊपर वर्ग के छात्र स्कूल नहीं आते हैं.
करण कुमार, वर्ग चार

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