Tokyo Olympics : 5 साल बाद गांव पहुंची मीराबाई चानू मां से मिलकर हुई भावुक, ‘सिल्वर गर्ल’ का भव्य स्वागत

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारत को वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) का लगातार स्वागत किया जा रहा है. चानू 5 साल बाद जब अपने गांव पहुंचीं अपनी मां से मिलकर गले लग खूब रोईं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2021 10:22 PM

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारत को वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) का लगातार स्वागत किया जा रहा है. चानू 5 साल बाद जब अपने गांव पहुंचीं अपनी मां से मिलकर गले लग खूब रोईं. उस दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भिड़ उमड़ पड़ी. आलम यह था कि सुरक्षाकर्मियों को भिड़ कंट्रोल करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने किया मीराबाई का भव्य स्वागत

इधर गांव पहुंचने से पहले जब मीराबाई मणिपुर एयरपोर्ट पर उतरीं तो उनका स्वागत मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने किया. हवाई अड्डे पर मंगलवार को अपनी मां से मिलने के बाद भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं और उनकी आंखें नम हो गयी. ओलंपिक भारोत्तोलन में 49 किग्रा भार वर्ग में शनिवार को रजत पदक जीतने वाली मीराबाई यहां पहुंचने पर अपनी मां सेखोम ओंगबी तोम्गी लीमा और पिता सेखोम कृति मेइतेई से गले मिली जिसके बाद उनकी आंखें नम हो गयी.

सोमवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हुए स्वागत समारोह की तरह ही यहां बीर टिकेंद्रजीत अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मीराबाई की झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

उनके हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही अफरातफरी मच गयी. रियो (2016) ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मीराबाई को पिछले पांच वर्षों में बहुत बार घर आने का मौका नहीं मिला था. मीराबाद के मणिपुर पहुंचने के बाद पूरा शहर मानो थम गया. गाड़ियों की लंबी कतारें लग गयीं सड़कों पर. मीराबाई ने भी अपने फैन्स को निराश नहीं किया और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया.

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गौरतलब है कि चानू ने खेलों के दौरान ओलंपिक प्रतीक चिह्न जैसी सोने की बालियां (कान का आभूषण) पहनी थी जो काफी लोकप्रिय हुआ. यह बालियां उनकी मां ने पांच साल पहले रियो खेलों से पहले अपने आभूषण बेच कर बनवायी थी. उनका मानना था कि यह मीराबाई के लिए भाग्यशाली साबित होगा.

मीराबाई लगभग 25 किलोमीटर दूर नोगपोक काकचिंग गांव में रहती है. मीराबाई हवाई अड्डे से मणिपुर राज्य सरकार के सम्मान समारोह में शामिल होने पहुंची, जिसकी मेजबानी मुख्यमंत्री ने की थी. मणिपुर पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री ने मीराबाई के साथ वीडियो कॉल में बात किया था. मालूम हो मणिपुर सरकार ने मीराबाई को एएसपी बनाने और 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा कर दी है.

गौरतलब है कि मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था. इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था.

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