विजेंदर ने मुक्कों की बरसात करके लगातार पांचवें मुकाबले में रोयर को हराया

लंदन : भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने अपना धमाकेदार प्रदर्शन जारी रखते हुए यहां फ्रांस के मातियोज रोयर पर मुक्कों की बरसात करके लगातार पांचवें मुकाबले में नाकआउट से जीत दर्ज की. विजेंदर को सुपर मिडिलवेट के छह राउंड के इस मुकाबले में पांचवें राउंड में ही विजेता घोषित कर दिया गया. यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 1, 2016 3:58 PM

लंदन : भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने अपना धमाकेदार प्रदर्शन जारी रखते हुए यहां फ्रांस के मातियोज रोयर पर मुक्कों की बरसात करके लगातार पांचवें मुकाबले में नाकआउट से जीत दर्ज की. विजेंदर को सुपर मिडिलवेट के छह राउंड के इस मुकाबले में पांचवें राउंड में ही विजेता घोषित कर दिया गया. यह मुकाबला जब पांचवें राउंड के दूसरे मिनट में चल रहा था तब उसे रोक दिया गया.

संयोग से विजेंदर का यह अब तक सबसे लंबा मुकाबला है. यह 30 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज अब तक के अपने सबसे अनुभवी प्रतिद्वंद्वी के सामने था. एक ऐसे मुक्केबाज से उनका मुकाबला था जिसे 250 राउंड खेलने का अनुभव था लेकिन विजेंदर ने रोयर को फिसड्डी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पिछले मुकाबलों की तरह विजेंदर शुरु में ही हावी हो गये और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को उबरने का कोई मौका नहीं दिया.

मुकाबला पूरी तरह से एकतरफा रहा. रोयर ने पूरा समय खुद का बचाव करने में लगाया और इस बीच विजेंदर ने मौका मिलने पर मुक्के जडने में कोताही नहीं बरती. मुकाबला बढ़ने के साथ विजेंदर अधिक आक्रामक होते गये और रोयर के लिये उनके सामने टिकना मुश्किल हो गया. फ्रांसीसी मुक्केबाज की बायीं आंख के उपर कट लग गया था जिससे खून बह रहा था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने जल्दी घुटने नहीं टेके लेकिन अंतत: पांचवें दौर में उनका साहस जवाब दे गया.

विजेंदर को अब अपना अगला मुकाबला 13 मई को बोल्टन में खेलना है जिसके लिए उनके प्रतिद्वंद्वी की घोषणा नहीं हुई है. भारत के लिए विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले मुक्केबाज विजेंदर ने कहा, ‘‘मुझे लगातार पांचवें मुकाबले में नाकआउट से जीत दर्ज करने की खुशी है.

अनुभवी मुक्केबाज का सामना करना मेरे लिए इतना आसान नहीं था लेकिन मैं बेसिक्स के अनुसार खेला और कुछ नये पंच मारे जिससे मुझे मातियोज रोयर के खिलाफ मदद मिली. ” उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अच्छा यह रहा कि मैंने पहले दौर से ही मातियोज रोजर पर आक्रमण शुरू कर दिया और मेरा मनोबल बढ़ रहा था. इस जीत से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा है और मुझे भविष्य के सभी मुकाबलों में अच्छे प्रदश्रन का यकीन है. मेरे एमेच्योर अनुभव से मदद मिली लेकिन पेशेवर मुक्केबाजी बिलकुल अलग खेल है इसलिए मैं भारत में डब्ल्यूबीओ एशिया खिताबी मुकाबले से पहले 13 मई को अपने अगले मुकाबले को लेकर उत्सुक हूं.”

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