मनिका बत्रा चयन मामले में हाई कोर्ट ने फेडरेशन के नियम पर लगायी रोक, केंद्र को सौंपा जांच का जिम्मा

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 4 सप्ताह के अंदर जांच पूरी करने को कहा है. इसके बाद जांच रिपोर्ट को अदालत के सामने पेश किया जाना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2021 3:56 PM

नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के उस नियम पर आंतरिक रोक लगा दी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में चयन के लिए नेशनल कोचिंग शिविर में भाग लेना अनिवार्य होता है. वहीं हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को मनिका बत्रा की ओर से लगाये गये आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 4 सप्ताह के अंदर जांच पूरी करने को कहा है. इसके बाद जांच रिपोर्ट को अदालत के सामने पेश किया जाना है. कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान केंद्र इस बात पर भी विचार करे कि क्या फैडरेशन के मामलों में और कोई जांच की आवश्यकता है.

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कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उम्मीदवारों के चयन के लिए योग्यता एकमात्र मानदंड होना चाहिए और एक शिविर में भाग लेना या शामिल नहीं होना भारत को अपने सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को आगे भेजने से नहीं रोकेगा.

पिछली बार सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में खेल मंत्रालय को हस्तक्षेप करने को कहा था. हाई कोर्ट ने कहा था कि मनिका बत्रा एक अंतरराष्ट्रीय रैंक प्राप्त खिलाड़ी हैं और उनके मामले में खेल मंत्रालय को हस्तक्षेप करना चाहिए. खेल मंत्रालय को उनकी मांग पर विचार करना चाहिए.

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हाई कोर्ट ने मंत्रालय से दो दिन में जवाब मांगा था. बता दें कि टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा को एशियन चैंपियनशिप के लिए नहीं चुना गया. फेडरेशन ने दलील दी कि उन्होंने नेशनल कैंप में भाग नहीं लिया, इस वजह से निमय के अनुसार उनका चयन नहीं हो सकता. बत्रा ने कोर्ट से कहा कि वे लगातार अपने कोच से ट्रेनिंग ले रही हैं और प्रैक्टिस में हैं इस बात की जानकारी फेडरेशन को पहले ही दी गयी थी.

Posted By: Amlesh Nandan.

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