डेब्यू मैच में 102 डिग्री बुखार में भी गेंदबाजी करता रहा ये तेज गेंदबाज, पूर्व कोच ने किया खुलासा

टेस्ट क्रिकेट में 200 से ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी शुरू से ही काफी मेहनती हैं. उनके पूर्व कोच ने बताया कि खेल को लेकर उनमें काफी जज्बा है. उन्होंने अपने डेब्यू मैच में 102 डिग्री बुखार होने के बाद भी गेंदबाजी करना जारी रखा था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2022 3:35 PM

सेंचुरियन में तीन मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका पर 113 रन की जोरदार जीत दर्ज की. यह भारतीय टीम का हरफनमौला प्रदर्शन था, जिसमें तेज गेंदबाज प्रमुख थे. मोहम्मद शमी खेल में आठ विकेट लेने वाले तेज गेंदबाजों में से एक थे. शमी ने पहली पारी में भी पांच विकेट लिए और इस उपलब्धि के दौरान खेल के सबसे लंबे प्रारूप में 200 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन गये.

भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने मोहम्मद शमी को दुनिया के शीर्ष तीन तेज गेंदबाजों में से एक करार दिया. विराट ने मैच के बाद की चर्चा में तेज गेंदबाज की सराहना की. भारत के पूर्व क्रिकेटर डब्ल्यूवी रमन ने भी शमी की जमकर तारीफ की. रमन ने 2010 में बंगाल के कोच के रूप में शमी के साथ काम किया था. रमन ने कहा कि मोहम्मद शमी के रवैये के मामले में कभी कोई संदेह नहीं था.

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रमन ने न्यूजी-18 से बात करते हुए कहा कि एक लंबी कहानी को छोटा करने के लिए, मैंने उसे आखिरी दिन के आखिरी सत्र में 60 से अधिक पुरानी गेंद के साथ फ्लैट आउट गेंदबाजी करते देखा. जबकि वह 102 डिग्री तापमान के साथ खेल रहा था. यह उसका डेब्यू मैच था. आपको यह बताने के लिए और कुछ नहीं चाहिए कि उस लड़के का रवैया कैसा था.

रमन ने कहा कि शमी के रणजी में पदार्पण से पहले, मैं उनके लिए बंगाल के लिए खेलने के लिए जोर दे रहा था. ​​मैंने यहां तक ​​कह दिया कि जिस दिन से आप उसे रणजी ट्रॉफी दिलायेंगे, वह 18 महीने के भीतर देश के लिए खेलेगा. शमी को अपनी फिटनेस के लिए अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन रमन ने जोर देकर कहा कि प्रशिक्षण के प्रति शमी का दृष्टिकोण अन्य तेज गेंदबाजों से अलग था.

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पूर्व कोच ने कहा कि उसके बारे में दूसरी बात यह थी कि वह दूसरे तेज गेंदबाजों के मैदान के चारों ओर दौड़ना या जिम जाना जैसे प्रशिक्षण को पसंद नहीं करता था. उनके प्रशिक्षण का तरीका डेढ़ या दो घंटे गेंदबाजी करना था. वह उन सत्रों में अपने प्रयास से समझौता नहीं करेंगे.

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