अंशुमन राज के बल्ले से धोनी ने जड़ा था पहला रणजी शतक, कहानी जब करियर के मुश्किल दौर में थे माही

महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे है. उनके जन्मदिन पर कई लोगों ने बधाई दी है. अपने करियर में माही ने कई शतक जड़े है साथ ही अपने बल्ले से रिकार्ड की झड़ी निकाली है. लेकिन क्या आपको पता है कि धोनी ने अपने करियर का पहला रणजी शतक अपने बल्ले से नहीं, अंशुमन राज के बल्ले से मारा था.

By Aditya kumar | July 7, 2023 9:40 AM

MS Dhoni Birthday : रांची के राजकुमार और क्रिकेट जगत के दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे है. उनके जन्मदिन पर कई लोगों ने बधाई दी है. अपने करियर में माही ने कई शतक जड़े है साथ ही अपने बल्ले से रिकार्ड की झड़ी निकाली है. लेकिन क्या आपको पता है कि धोनी ने अपने करियर का पहला रणजी शतक अपने बल्ले से नहीं, अंशुमन राज के बल्ले से मारा था. प्रभात खबर से खास बातचीत के दौरान महेंद्र सिंह धोनी के बचपन के साथी रहे अंशुमन राज ने उनके करियर से जुड़े कई खुलासे भी किए है.

अंशुमन राज ने बताया कि धोनी का परफॉरमेंस खराब चल रहा था, टीम से उन्हें बाहर करने की बात कही जा रही थी, तभी बंगाल के खिलाफ इडेन गार्डेन में मुकाबले में जब धोनी बल्लेबाजी करने जा रहे थे तभी अनुषमन राज ने कहा कि लो मेरे बात से खेलों कहीं रन लग जाए, फिर उस मैच में एमएस धोनी ने इंडिया खेले हुए एक प्लेयर की छह गेंदों पर छह चौके जड़ दिए और धीरे धीरे पारी को बढ़ाते रहे. इस बीच उनकी उस प्लेयर के साथ थोड़ी नोक-झोंक भी हुई.

लेकिन, माही अपने आचरण के अनुकूल शांत रहे और बल्लेबाजी करते रहे. फिर उस मैच में धोनी ने शतक जड़ा और वहां इंडिया टीम के कई सिलेक्टर मौजूद थे. उसी समय धोनी इंडियन टीम के सिलेक्टर के नजर में आ गए. बंगाल के खिलाफ बंगाल में शतक मारने के बाद धोनी का सिलेक्शन पूर्वी जॉन के लिए हो गया वहां उनके प्रदर्शन के बल पर धोनी का चयन इंडिया ए टीम के लिए हुआ. अंशुमन ने बताया कि धोनी वहां के लिए भी मेरा बात लेकर गए थे.

अंशुमन ने साथ ही बताया कि आज भी धोनी से जब मुलाकात होगी है तो वह उसी तरह सम्मान देते है. इतनी कामयाबी मिलने के बाद कई लोगों में घमंड आ जाता है लेकिन एमएस धोनी के साथ ऐसा नहीं है. वह कभी भी मिलते है तो उसी लहजे में रहते है और लोगों से बातचीत करते है. साथ ही अंशुमन ने बताया कि धोनी हमेशा से बस अच्छा खेलने की ओर ध्यान देते थे और हर दिन अपने खेल को बेहतर बनाने की कोशिश किया करते थे.

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