‘क्रिकेट अमीरों का खेल’ कह ट्रक चलाने घर लौटा था, अब है टीम इंडिया का सबसे बड़ा स्टार क्रिकेटर

Akash Deep's Story of Struggle from Bihar to Birmingham via Bengal: क्रिकेट की दुनिटया में संघर्ष से शिखर तक पहुंचने की अनेकों कहानियां हैं. ऐसी ही एक कहानी है उस भारतीय स्टार की जो कभी इसी स्ट्रगल से त्रस्त होकर घर पर ट्रक चलान के लिए लौट चुका था, लेकिन किस्मत और मेहनत के बल पर आज टीम इंडिया का स्टार है.

By Anant Narayan Shukla | July 8, 2025 5:41 PM

Akash Deep’s Story of Struggle from Bihar to Birmingham via Bengal: इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में शुभमन गिल के अलावा, जिस खिलाड़ी का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा, वो थे बिहार के सासाराम जिले के डेहरी से आने वाले आकाशदीप. आकाशदीप ने मैच में 10 विकेट लेकर मैच का रुख भारत के पक्ष में पूरी तरह ला दिया. लेकिन आाकशदीप का भारतीय टीम तक का सफर आसान नहीं रहा. जब आकाश दीप 18 साल के थे, तब उन्होंने छह महीने के भीतर अपने पिता और बड़े भाई को खो दिया था. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान उन्हें अपनी मां के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर जुटाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा, हालांकि मां की जान बच गई. इसी साल की शुरुआत में जब वे बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में रिहैब कर रहे थे, तो वह अपनी बड़ी बहन के लीवर कैंसर के इलाज के लिए भारत के सबसे अच्छे डॉक्टर को गूगल पर खोज रहे थे. लेकिन समय ने करवट ली और एजबेस्टन के मैदान पर उन्होंने इंग्लैंड की टॉप ऑर्डर को तहस-नहस करने वाले दो शानदार स्पेल डाले और भारत को जीत दिलाई. इतना ही नहीं, ब्रमीज (स्थानीय फैन्स) ने उनके नाम पर गाना तक गा डाला. 

आकाश दीप ने अपने संघर्ष के दिनों में मोहम्मद रफी का “मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया” लगातार सुना. चाहे वो सासाराम हो, जमशेदपुर, नई दिल्ली, दुर्गापुर या कोलकाता हर जगह जहां वो अपने क्रिकेट के सपने के पीछे भागे. उनके बचपन के दोस्त वैभव कुमार बताते हैं कि उसे इस गाने में सुकून मिलता था. एक लाइन है ‘जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया’ वही उसका फेवरेट था. उसने बहुत कुछ झेला है बहुत कम उम्र से. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार सुबह, वैभव ने आकाश को एक रील भेजी जिसमें एजबेस्टन स्टेडियम के बाहर एक ब्रमीज आकाश के नाम पर गाना गा रहा था. आकाश ने हल्के अंदाज में जवाब दिया, “अब हमारे नाम पे गाना लिखा जा रहा गुरु.” वैभव हंसते हुए कहते हैं कि अगर रफी का गाना आकाश के संघर्षों में उसका सहारा बना, तो एजबेस्टन के बाहर एक अंग्रेज का गाया हुआ गाना इस बात की गवाही है कि इस 28 वर्षीय खिलाड़ी का प्रदर्शन भुलाया नहीं जा सकेगा. 

Akash deep’s story of struggle from bihar to birmingham via bengal. Image: bcci/x

लेकिन इस सपने को पाने से पहले वे हार मानने के कगार पर पहुंच चुके थे. 2016 में जब वे दिल्ली में अपनी बड़ी बहन के पास आए और मदन लाल अकादमी में दाखिला लिया, तो एक हफ्ते बाद उन्होंने वैभव को कॉल करके कहा, “क्रिकेट अमीरों का खेल है, हमारे जैसे लोगों का इसमें क्या होगा.” उस वक्त वे हार मानने के करीब थे. इससे पहले आकाश ने क्रिकेट की बेरहम हकीकत सासाराम के गांव, 2012 के कोलकाता मैदान और जमशेदपुर में देखी थी. जमशेदपुर में उन्होंने तेज गेंदबाज वरुण एरॉन को रॉकेट्स फेंकते देखा, तब सोचा था कि वो भी ऐसी गेंदबाजी कर सकते हैं.

वैभव बताते हैं कि उनके पिता की पोस्टिंग दुर्गापुर में थी और वहीं आकाश खेलते थे. उन्होंने आकाश से पूछा कि अगर तू क्रिकेट छोड़ देगा तो क्या करेगा? तेरा प्लान बी क्या है?” वैभव जानते थे कि आकाश के पास कोई प्लान बी नहीं था, लेकिन जब आकाश ने कहा, “ट्रक चलाना सीख लूंगा.” तो वैभव चौंक गए. जब उन्होंने समझाया कि ट्रक खरीदने के लिए भी पैसे लगते हैं, तो आकाश गुस्से में बोले, “सोन नदी में रेत बहुत है, भूखे नहीं मरेंगे.” यह उसकी हताशा बोल रही थी. उनकी मां की पेंशन परिवार चलाने के लिए काफी नहीं थी. 

Akash deep’s story of struggle from bihar to birmingham via bengal. Image: bcci/x

वैभव के कहने पर आकाश दुर्गापुर गए और फिर कोलकाता में आखिरी कोशिश करने का फैसला लिया. कोलकाता में कई ट्रायल्स के बाद वीडियोकॉन क्रिकेट अकादमी में उन्हें शर्तों के साथ बिना पैसे के खेलने का मौका मिला. उस सीजन में आकाश ने 45 विकेट लिए और यहीं से उनके करियर ने रफ्तार पकड़ी. बंगाल के कोच अरुण लाल ने एक क्लब मैच में उन्हें देखा और प्रभावित होकर अंडर-23 टीम में शामिल किया. जल्द ही वह सीनियर टीम का हिस्सा बन गए. 2019-20 रणजी ट्रॉफी में 9 मैचों में 35 विकेट लेकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रमाण दे दिया. 

आकाश दीप अरुण लाल के मार्गदर्शन में चमके. अरुण लाल बताते हैं, “लड़का इतना कुछ झेल चुका था कि उसमें आत्मविश्वास की कमी थी. वो खुद से ही लड़ रहा था. उसे कंधे पर हाथ रखने वाला चाहिए था. मैंने एक दिन मजाक में कहा क्या तुझे पता है तू कितना अच्छा है? उसने हँसते हुए कहा सर, रणजी खेल लिए बहुत है. मैंने उसे 45 मिनट तक डांटा, वो रोने लगा, तब मनोज तिवारी ने मुझे साइड में खींचा.”

Akash deep’s story of struggle from bihar to birmingham via bengal. Image: bcci/x

उस डांट ने आकाश को लक्ष्य दिया. लाल ने आगे कहा, “मैंने कहा था तू इतना अच्छा है कि आईपीएल में तुझे 10 करोड़ में कोई टीम खरीदेगी और तू भारत के लिए टेस्ट मैच जितवाएगा.” रविवार को दोनों भविष्यवाणियां सच हो गईं. IPL 2025 ऑक्शन में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने उन्हें 8 करोड़ रुपये में खरीदा और एजबेस्टन टेस्ट में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

लेकिन आकाश के लिए अभी भी बहुत कुछ पाना बाकी है मैदान के भीतर भी और बाहर भी. वैभव बताते हैं, “सबसे पहले तो ज्योति दीदी की रिकवरी. फिर अपने दिवंगत भाई की बेटी को अच्छी शिक्षा देना बड़ी बेटी ने मेडिकल एग्जाम क्लियर किया और एमबीए कर रही है. हम सासाराम में एक क्रिकेट अकादमी चलाते हैं और सपना है कि यहां से कोई लड़का या लड़की भारत के लिए खेले.” फिलहाल, आकाश दीप के पास टेस्ट सीरीज जीतने का मौका है, कई अधूरे सपने हैं और मोहम्मद रफी के गाने जो उनकी जिंदगी की हर ऊंच-नीच में उनके साथ हैं.

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