IND vs SA Test: ईडन गार्डन्स पिच विवाद पर क्यूरेटर ने तोड़ी चुप्पी, गंभीर और गांगुली के बयान से बढ़ी बहस

IND vs SA Test: कोलकाता टेस्ट के तीन दिन में खत्म होने के बाद ईडन गार्डन्स की पिच पर भारी विवाद खड़ा हुआ. पिच क्यूरेटर सुजन मुखर्जी ने साफ कहा कि उन्होंने वही पिच बनाई जिसकी टीम मैनेजमेंट ने मांग की थी. गौतम गंभीर और सौरव गांगुली के बयानों से मामला और चर्चा में आ गया है.

By Aditya Kumar Varshney | November 18, 2025 10:43 AM

IND vs SA Test: कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत और दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच खेला गया पहला टेस्ट तीन दिन में खत्म हो गया और इसके बाद पिच को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया लेकिन पिच क्यूरेटर सुजन मुखर्जी  (Pitch Curator Sujan Mukherjee) ने साफ कहा कि उन्होंने वही पिच बनाई जिसकी उनसे मांग की गई थी.

तीन दिन में खत्म हुआ टेस्ट, बढ़ा विवाद

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया पहला टेस्ट मैच उम्मीद से कहीं जल्दी खत्म हो गया. मैच में कुल 26 विकेट सिर्फ दो दिनों में ही गिर गए. किसी भी टीम की पारी 200 रन के पार नहीं पहुंच सकी. भारत चौथी पारी में 124 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था, लेकिन टीम 93 रन पर ही ढेर हो गई और मुकाबला 30 रन से हार गई. इस नतीजे के बाद फैंस, पूर्व क्रिकेटरों और कई विशेषज्ञों ने ईडन गार्डन्स की पिच पर सवाल खड़े किए. कुछ ने इसे “खराब” बताया तो कुछ ने कहा कि इस तरह की सतह पर टेस्ट मैच नहीं होना चाहिए.

पिच क्यूरेटर सुजन मुखर्जी की सफाई

लगातार आलोचना के बाद ईडन गार्डन्स के पिच क्यूरेटर सुजन मुखर्जी ने अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने बताया कि उन्होंने वही तैयार किया जो उनसे कहा गया था. उन्होंने कहा कि वह किस तरह टेस्ट पिच तैयार की जाती है, यह अच्छी तरह जानते हैं. सुजन के मुताबिक उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपना काम किया और भविष्य में भी ऐसा ही करते रहेंगे. सुजन ने यह भी दोहराया कि गौतम गंभीर ने मीडिया से कहा था कि पिच वैसी ही थी जैसी टीम मैनेजमेंट ने चाही थी. इस बयान से सुजन का दावा और मजबूत होता है कि उन्होंने किसी भी तरह का मनमाना फैसला नहीं लिया.

कोच गौतम गंभीर का बयान 

मैच हारने के बाद जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया ने गंभीर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पिच बिल्कुल सामान्य थी. उन्होंने साफ किया कि टीम ने अपनी रणनीति के अनुसार पिच की मांग की थी. गंभीर ने कहा कि वह किसी पर आरोप नहीं लगा रहे लेकिन टीम को अपनी क्षमता के अनुसार खेलना चाहिए. अगर पिच तेज गेंदबाजों की मदद कर रही थी, तो बल्लेबाजों को भी उतना ही जिम्मेदारी से खेलना चाहिए था. उनके इस बयान के बाद कई विशेषज्ञों ने सवाल किया कि क्या भारतीय टीम ने जानबूझकर ऐसी पिच मांगी जो तेज गेंदबाजों को अधिक मदद दे सकती थी.

CAB अध्यक्ष सौरव गांगुली की सलाह

दूसरी तरफ बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. गांगुली ने माना कि कुछ निर्देश टीम मैनेजमेंट की तरफ से दिए गए थे. उन्होंने गौतम गंभीर से कहा कि उन्हें अपनी टीम के तेज गेंदबाजों पर भरोसा रखना चाहिए. गांगुली ने खास तौर पर जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज का नाम लिया और कहा कि ये गेंदबाज किसी भी हालात में विकेट निकाल सकते हैं. गांगुली ने सुझाव दिया कि टेस्ट मैचों को पांच दिन चलना चाहिए और खिलाड़ियों को अच्छी पिचों पर चुनौती का सामना करते हुए जीतना सीखना होगा.

आगे क्या बदलाव संभव हैं ?

ईडन गार्डन्स भारत का ऐतिहासिक मैदान है और यहां की पिच को लेकर विवाद होना बड़ी बात है. BCCI और CAB आने वाले दिनों में रिपोर्ट तलब कर सकते हैं. संभव है कि क्यूरेटर, टीम मैनेजमेंट और बोर्ड मिलकर भविष्य की पिचों को लेकर एक नई रणनीति बनाएं. भारत में अक्सर स्पिन फ्रेंडली पिचें तैयार की जाती हैं, लेकिन हाल के दिनों में टीम तेज गेंदबाजों पर ज्यादा भरोसा कर रही है. इससे यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या भारत अब विदेशी परिस्थितियों जैसी पिच अपने घरेलू मैदानों पर भी बनाना चाहता है. हालांकि फिलहाल सुजन मुखर्जी की बातों से इतना साफ है कि उन्होंने किसी भी तरह की गलती नहीं मानी है. उनका मानना है कि उन्होंने निर्देशों के मुताबिक अपना काम किया और आलोचनाओं से वह प्रभावित नहीं होते. अब देखना होगा कि भविष्य में ईडन गार्डन्स में होने वाले टेस्ट मैचों के लिए किस तरह की पिच तैयार की जाती है और क्या यह विवाद आने वाले समय में थमता है या और बड़ा रूप लेता है.

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