Ashes 2025: इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया की 140 साल पुरानी रायवलरी, नया अध्याय आज से होगा शुरू
Ashes 2025: एशेज 2025 की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज 21 नवंबर से शुरू होने जा रही है. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 140 साल पुरानी यह प्रतिद्वंद्विता दुनिया की सबसे रोमांचक स्पोर्ट्स राइवलरी मानी जाती है. पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज में दोनों टीमें अपनी ताकत झोंकेंगी और इंग्लैंड एशेज वापस जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरेगा.
Ashes 2025: दुनिया की बहुत कम खेल प्रतियोगिताएं एशेज जैसी पुरानी, रोमांचक और गौरव भरी होती हैं. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया (ENG vs AUS) के बीच यह मुकाबला सिर्फ एक सीरीज नहीं, बल्कि 140 साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिद्वंद्विता का इतिहास है. इस बार भी दोनों देशों के बीच पांच टेस्ट मैचों की नई एशेज सीरीज 21 नवंबर से पर्थ में शुरू होने जा रही है. (England vs Australia Ashes Series History).
एशेज सीरीज की शुरुआत कैसे हुई?
एशेज का इतिहास 1882 से शुरू होता है. उस समय इंग्लैंड अपनी घरेलू जमीन पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार गया था. हार इतनी अप्रत्याशित थी कि ब्रिटेन के एक अखबार द स्पोर्टिंग टाइम्स ने मजाक में एक शोक संदेश छापा. इसमें लिखा था कि इंग्लिश क्रिकेट की मौत हो गई है, उसका अंतिम संस्कार होगा और उसकी राख (एशेज) ऑस्ट्रेलिया ले जाई जाएगी. इसी राख शब्द ने आगे चलकर एशेज को एक प्रतीक बना दिया.
कप्तान इवो ब्लाई और एशेज कलश की कहानी
शोक संदेश पढ़ने के बाद इंग्लैंड के उस समय के कप्तान इवो ब्लाई ने ऑस्ट्रेलिया जाकर एशेज वापस लाने की कसम खाई. इंग्लैंड टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई और जीत दर्ज की. जीत के बाद एक महिला प्रशंसक ने ब्लाई को एक छोटा टेराकोटा कलश भेंट किया, जो एशेज का प्रतीक बन गया. यही कलश आगे चलकर एशेज सीरीज की पहचान बन गया और आज भी इसे MCC के पास सुरक्षित रखा गया है.
एशेज के सबसे विवादित पल
एशेज इतिहास में कई रोमांचक और तनावपूर्ण पल आए हैं. इनमें से सबसे विवादित सीरीज 1932-33 की बॉडीलाइन सीरीज रही. इसमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए उनके शरीर की तरफ खतरनाक लाइन पर गेंदबाजी की. इस रणनीति की दुनिया भर में आलोचना हुई और बाद में खेल के नियमों में बदलाव किए गए ताकि किसी भी टीम को ऐसी गेंदबाजी की अनुमति न दी जाए.
बॉल ऑफ द सेंचुरी- जिसने इतिहास बदल दिया
एशेज ने कई अविश्वसनीय पलों को जन्म दिया है. इनमें सबसे चर्चित पल था 1993 में शेन वॉर्न की एक गेंद, जिसे “बॉल ऑफ द सेंचुरी” कहा गया. ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में अपनी पहली ही गेंद पर वॉर्न ने इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग को शानदार तरीके से बोल्ड कर दिया. यह गेंद इतनी ज्यादा घूमी कि आज भी इसे टेस्ट क्रिकेट की बेहतरीन गेंदों में गिना जाता है.
पिछले कुछ सालों में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा
एशेज 2017 से लगातार ऑस्ट्रेलिया के पास है. इंग्लैंड आखिरी बार 2010-11 में ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज जीत पाया था. इसके बाद से इंग्लैंड ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत सका है. इस बार इंग्लैंड पर दबाव ज्यादा होगा क्योंकि वह 14 साल का इंतजार खत्म करना चाहेगा.
एशेज 2025 सीरीज का पूरा शेड्यूल
पांच टेस्ट मैचों की यह ऐतिहासिक सीरीज आज (21 नवंबर) से शुरू होगी.
शेड्यूल इस प्रकार है.
- पहला टेस्ट: 21 नवंबर से पर्थ
- दूसरा टेस्ट: 4 दिसंबर से ब्रिस्बेन (डे-नाइट टेस्ट)
- तीसरा टेस्ट: 17 से 21 दिसंबर, एडिलेड ओवल
- चौथा टेस्ट: 26 दिसंबर से मेलबर्न (बॉक्सिंग डे टेस्ट)
- पांचवां टेस्ट: 4 जनवरी से सिडनी
इस बार दोनों टीमों के पास मजबूत खिलाड़ी हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया से एशेज वापस ले पाता है या फिर ऑस्ट्रेलिया अपना दबदबा बनाए रखता है.
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